हे दुर्गे माँ भगवती हूँ तुम्हारी शरण लिरिक्स

हे दुर्गे माँ भगवती, हूँ तुम्हारी शरण भजन एक भक्त की संपूर्ण समर्पण भावना को व्यक्त करता है। जब जीवन के कठिन मोड़ पर कोई मार्ग नहीं सूझता, तब मां भगवती की शरण ही सबसे बड़ा सहारा बनती है। यह भजन हमें सिखाता है कि मां दुर्गा अपने भक्तों को कभी अकेला नहीं छोड़तीं, बस हमें सच्चे मन से उनकी शरण में आना होता है। आइए, इस भक्तिमय रचना का आनंद लें और मां भगवती का गुणगान करें।

Hay Durge Maa Bhagvati Hu Tumhari Sharan

हे दुर्गे माँ भगवती,

दोहा – मेरा कोई और नहीं है,
आया दरबार हूँ मैं,
सहारा दीजिये मैया,
की अब लाचार हूँ मैं।

हे दुर्गे माँ भगवती,
हूँ तुम्हारी शरण,
हे भैरवी माँ सती,
हूँ तुम्हारी शरण,
शरण, तुम्हारी शरण,
शरण, तुम्हारी शरण।1।

सदा भक्तो का मैया,
तूने है उद्धार किया,
महिषासुर मधु कैटभ,
का भी संहार किया,
लाल हूँ आपका,
मैं भी तो ऐ मैया,
मुसीबत आई तो,
मैंने तुझे पुकार लिया,
हूँ तुम्हारी शरण,
शरण, तुम्हारी शरण,
शरण, तुम्हारी शरण।2।

दोहा – सदा दरबार में एक भीड़,
भक्तो की लगी देखि,
हर एक भगत की झोली,
आपके दर से मैया भरी देखि,
कोई लौटा नही खाली,
तुम्हारे द्वार पे आके,
तेरी चौखट पे करामात,
बड़ी हमने है देखि।

तेरी महिमा का जगतजननी,
क्या बखान करूँ,
नहीं लायक हूँ इसके,
मैं तुम्हारा ध्यान धरूँ,
तुम्हारे द्वार पे,
मैया तुम्हारी चौखट पे,
तेरे चरणों में बार बार,
मैं प्रणाम करूँ,
हूँ तुम्हारी शरण,
शरण, तुम्हारी शरण,
शरण, तुम्हारी शरण।3।

हे दुर्गें माँ भगवती,
हूँ तुम्हारी शरण,
हे भैरवी माँ सती,
हूँ तुम्हारी शरण,
शरण, तुम्हारी शरण,
शरण, तुम्हारी शरण।4।

मां भगवती की शरण में आकर हर दुख, भय और चिंता समाप्त हो जाती है। उनकी भक्ति से जीवन में शक्ति और आत्मविश्वास का संचार होता है। यदि यह भजन आपके हृदय को भक्तिभाव से भर रहा है, तो आपको [“मेरी बहना केशों पर लिख कल्याणी”](दूसरे भजन का लिंक डालें) भजन भी अवश्य सुनना चाहिए, जो मां के कल्याणकारी रूप और भक्तों के अटूट विश्वास को दर्शाता है। आइए, मां दुर्गा की महिमा का गुणगान करें और उनकी कृपा का अनुभव करें। जय माता दी! 🚩

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