हरी का भजन कर प्यारी

भगवान के भजनों में लीन होना न केवल हमारे आत्मिक विकास का एक मार्ग है, बल्कि यह हमें शांति, सुकून और आंतरिक शक्ति भी प्रदान करता है। हरी का भजन कर प्यारी भजन में यही संदेश है कि भगवान के भजन में पूरी श्रद्धा और प्रेम से लीन होने से हम जीवन के हर पहलु में सुख और समृद्धि पा सकते हैं। इस भजन के माध्यम से हमें यह एहसास होता है कि भगवान के भजन का आनंद ही सबसे बड़ा है, जो हमारे दिल को शांति और प्रेम से भर देता है।

Hari Ka Bhajan Kar Pyari

हरी का भजन कर प्यारी उमरिया बीती जाती है….

कौन शुभ कर्म कराया मानुष तन पृथ्वी पर पाया,
फिरे माया के चक्कर में मौत नहीं याद आई है,
हरी का भजन कर प्यारी उमरिया बीती जाती है….

यह बचपन खेल में खोया जवानी नींद भर सोया,
बुढ़ापा देख कर रोया याद मन को सताती है,
हरी का भजन कर प्यारी उमरिया बीती जाती है….

कुटुंब परिवार जग सारा स्वपन सब देख जग सारा,
माया का ज्ञान विस्तारा नहीं यह संग जाती है,
हरी का भजन कर प्यारी उमरिया बीती जाती है….

हरि के चरण चित्र लागे जो भव से पार हो जावे,
वह ब्रह्मानंद मोक्ष पावे वेद बॉडी सुनाती है,
हरी का भजन कर प्यारी उमरिया बीती जाती है….

हरी का भजन कर प्यारी भजन हमें यह प्रेरणा देता है कि हमें अपने जीवन में भगवान के भजन को सर्वोपरि स्थान देना चाहिए, क्योंकि इससे हमें वास्तविक सुख और मानसिक शांति मिलती है। जब हम भगवान के भजनों में अपने दिल और आत्मा को समर्पित करते हैं, तो हम उनके आशीर्वाद से अभिभूत हो जाते हैं। इस भक्ति रस को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप श्री हरि की महिमा अपार, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, नारायण, नारायण जय गोविंद हरे और संकट हरन श्री विष्णु जी जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान विष्णु की कृपा का अनुभव करें। 🙏💛

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