हनुमत कोटि कोटि प्रणाम

हनुमत कोटि कोटि प्रणाम भजन भगवान हनुमान जी की महिमा और उनकी अनंत कृपा को समर्पित है। यह भजन उनके प्रति अखंड भक्ति, श्रद्धा और समर्पण को दर्शाता है। बजरंगबली अपने भक्तों के हर संकट को हरने वाले, शक्ति और साहस देने वाले देवता हैं। यह भजन हमें प्रेरित करता है कि हनुमान जी की भक्ति से ही जीवन में सच्ची शांति और सफलता प्राप्त होती है।

Hanumat Koti Koti Pranam

हनुमत कोटि कोटि प्रणाम,

दोहा

सेवा से प्रसन्न भए,
वर दे डाले भगवान।
हर बाधा से मुक्त करेंगे,
पवन पुत्र हनुमान॥

हर संकट में साथ निभाए,
किए राम के काज तमाम।
बल बुद्धि ज्ञान के दाता,
हनुमत कोटि कोटि प्रणाम॥

सुग्रीव से राम मिलाए,
सीता मां की सुधि लगाए।
लांघ के सागर लंक जलाए,
चूड़ामणि निशानी लाए।
कर आए तुम धन्य विभीषण,
सुना राम का नाम
बल बुद्धि ज्ञान के दाता,
हनुमत कोटि कोटि प्रणाम॥

संजीवन बूंटी ले लाए,
लक्ष्मण के प्राण बचाए।
अहिरावण मार गिराए,
राम लखन छुड़ा के लाए।
नागपाश से मुक्त कराए,
ले आए गरुड हनुमान।
बल बुद्धि ज्ञान के दाता,
हनुमत कोटि कोटि प्रणाम॥

दिल में तुम श्री राम बसाए,
प्रभु सेवा का वर तुम पाए।
बिना तुम्हारी आज्ञा कोई,
श्री राम से मिल ना पाए।
‘ओम सैन’ लगाए प्रीत,
गीत ‘अभिजीत’ सुनाए राम।
बल बुद्धि ज्ञान के दाता,
हनुमत कोटि कोटि प्रणाम॥

हर संकट में साथ निभाए,
किए राम के काज तमाम।
बल बुद्धि ज्ञान के दाता,
हनुमत कोटि कोटि प्रणाम,
हनुमत कोटि कोटि प्रणाम॥

Hanumat Koti Koti Pranam भजन यह संदेश देता है कि हनुमान जी की भक्ति से हर भय, हर बाधा, और हर कष्ट समाप्त हो जाते हैं। जो भी भक्त सच्चे मन से उन्हें प्रणाम करता है, उनके चरणों में श्रद्धा रखता है, वह जीवन में कभी निराश नहीं होता। हनुमान जी के प्रति अपने भक्ति को और भी गहरा करने के लिए राम प्रभु पे विपदा आई जल्दी आओ ना, राम जी के अटके कोई काम नहीं होते, अगर हनुमान ना होते जैसे अन्य भजनों को भी करें और इनकी महिमा को हृदय में बसाएं।

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