ओ पवन पुत्र हनुमान, राम के परम भक्त कहलाए भजन श्री हनुमान जी की अतुलनीय भक्ति और उनकी निःस्वार्थ सेवा को समर्पित है। यह भजन हमें उनके परम भक्त होने की महिमा का स्मरण कराता है, जिन्होंने अपनी पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ श्रीराम की सेवा की। वे केवल बल और पराक्रम के प्रतीक ही नहीं, बल्कि आदर्श भक्ति, विनम्रता और सेवाभाव के जीवंत उदाहरण भी हैं।
Vo Pavan Putra Hanuman Ram Ke Param Bhakt Kahalaye
ओ पवन पुत्र हनुमान राम के,
परम भक्त कहलाए।
तेरी महिमा सब जग गाए,
तेरी महिमा सब जग गाए।।
है बालपने की बात तुम्ही ने,
रवि को मुख में दबाया।
हनुमान -२, हनुमान -२,
है बालपने की बात तुम्ही ने,
रवि को मुख में दबाया।
दुनिया में हाहाकार मचा,
जब घोर अँधेरा छाया।
जब घोर अँधेरा छाया,
ब्रम्हा ने वज्र प्रहार किया।
तबसे हनुमान कहाए,
तेरी महिमा सब जग गाए,
तेरी महिमा सब जग गाए।।
वानर राजा सुग्रीव को,
पम्पापुर का राज्य दिलाया।
हनुमान -२, हनुमान -२,
वानर राजा सुग्रीव को।
पम्पापुर का राज्य दिलाया,
सीता जी की सुधि लाने का।
बीड़ा तुमने ही उठाया,
बीड़ा तुमने ही उठाया।
श्री राम को से मुद्रिका लेकर के,
लंका को चले हर्षाए।
तेरी महिमा सब जग गाए,
तेरी महिमा सब जग गाए।।
करके समुन्दर पार विभीषण,
को बंधन से छुड़ाया।
हनुमान -२, हनुमान -२,
करके समुन्दर पार विभीषण,
को बंधन से छुड़ाया।
अशोक वाटिका में जाकर,
माँ को सन्देश सुनाया।
माँ को सन्देश सुनाया,
सुनकर सन्देश सिया जी के।
नैनो में आंसू आए,
तेरी महिमा सब जग गाए,
तेरी महिमा सब जग गाए।।
फल खाने की आज्ञा लेकर,
रावण का बाग़ उजाड़ा।
हनुमान -२, हनुमान -२,
फल खाने की आज्ञा लेकर।
रावण का बाग़ उजाड़ा,
फल खाए पेड़ उखाड़ दिए।
और अक्षयकुमार को मारा,
और अक्षयकुमार को मारा।
तुम्हे मेघनाद ने छल से बांध,
रावण के सामने लाए।
तेरी महिमा सब जग गाए,
तेरी महिमा सब जग गाए।।
रावण की आज्ञा से दानव ने,
पूछ में आग लगाई।
हनुमान -२, हनुमान -२,
रावण की आज्ञा से दानव ने।
पूछ में आग लगाई,
सियाराम चंद्र की जय कहकर।
सोने की लंका जलाई,
सोने की लंका जलाई,
सीता जी से आज्ञा लेकर।
फिर रामादल में आए,
तेरी महिमा सब जग गाए,
तेरी महिमा सब जग गाए।।
चरणों में शीश नवाकर के,
प्रभु को सन्देश सुनाया।
हनुमान -२, हनुमान -२,
चरणों में शीश नवाकर के।
प्रभु को सन्देश सुनाया,
सुनकर के व्यथा सीता माँ की।
नैनो में नीर भर आया,
नैनो में नीर भर आया।
ओ राम दूत बलवान तुम्हारी,
महिमा वरणी ना जाए।
तेरी महिमा सब जग गाए,
तेरी महिमा सब जग गाए।।
शक्ति लागि जब लक्ष्मण को,
तुमने ही प्राण बचाए।
हनुमान -२, हनुमान -२,
शक्ति लागि जब लक्ष्मण को।
तुमने ही प्राण बचाए,
अहिरावण के बंधन से।
राम लखन को छुड़ाकर लाए,
दोनों को छुड़ाकर लाए।
महावीर तुम्हारे चरणों में,
‘ताराचंद’ शीश नवाए।
तेरी महिमा सब जग गाए,
तेरी महिमा सब जग गाए।।
ओ पवन पुत्र हनुमान राम के,
परम भक्त कहलाए।
तेरी महिमा सब जग गाए,
तेरी महिमा सब जग गाए।।
हनुमान जी का जीवन हमें सिखाता है कि सच्ची भक्ति केवल उपासना में नहीं, बल्कि समर्पण और सेवा में भी निहित होती है। श्रीराम के प्रति उनकी प्रेम और भक्ति की मिसाल आज भी अमर है। यह भजन हमें यह संदेश देता है कि जब हम भी हनुमान जी की तरह निष्काम भाव से प्रभु के चरणों में समर्पित होते हैं, तो वे हमें अपनी कृपा से कृतार्थ करते हैं और हर विपत्ति से उबारते हैं।

I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle. View Profile