तेरा दर जबसे पाया है मैंने भजन लिरिक्स

तेरा दर जबसे पाया है मैंने भजन, भगवान हनुमान की कृपा, उनके दरबार की शरण और भक्तों को मिलने वाले असीम सुख-शांति का गुणगान करता है। जब कोई भक्त सच्चे मन से ईश्वर की शरण में आता है, तो उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और उसे एक नई ऊर्जा प्राप्त होती है। यह भजन श्रद्धा, विश्वास और भक्ति की शक्ति को दर्शाता है, जो हमें हर परिस्थिति में सहारा देती है।

Tera Dar Jabse Paya Hai Maine

तेरा दर जबसे पाया है मैंने,
आए कितने भी दुःख ना डरता हूँ।
मैं तेरा नाम लिया करता था,
मैं तेरा नाम लिया करता हूँ॥

सोचता हूँ की देखा क्या तुमने,
लगाया सेवा में मुझे अपनी।
मैं तो बड़ा पापी था प्रभु मुझको,
धूलि चरणों की दे दी है अपनी,

धूलि चरणों की दे दी है अपनी।

प्रेम शायद इसी को कहते है,
तेरी यादों में मस्त रहता हूँ।
मैं तेरा नाम लिया करता था,
मैं तेरा नाम लिया करता हूँ॥

करूँ कैसे मैं शुक्रिया तेरा,
तूने इतना दिया प्रभु मुझको।
पास मेरे नहीं है कुछ अपना,
करूँ अर्पण प्रभु मैं क्या तुमको,
करूँ अर्पण प्रभु मैं क्या तुमको।

निकले आंसू जो तेरी यादों में,
शुक्र उनसे मैं अदा करता हूँ।
मैं तेरा नाम लिया करता था,

मैं तेरा नाम लिया करता हूँ॥

तेरा दर जबसे पाया है मैंने,
आए कितने भी दुःख ना डरता हूँ।
मैं तेरा नाम लिया करता था,
मैं तेरा नाम लिया करता हूँ॥

यह भजन हमें यह एहसास कराता है कि सच्ची भक्ति और समर्पण से हर मुश्किल आसान हो जाती है। जब भी जीवन में कोई परेशानी आए, तो ईश्वर की भक्ति में लीन हो जाएं, क्योंकि उनका दरबार ही सच्ची राहत और शरण का स्थान है। जय श्रीराम! जय हनुमान।

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