सूरत पे जाऊँ बलिहार बाबा तेरी सूरत पे जाऊ बलिहार

सूरत पे जाऊँ बलिहार, बाबा तेरी सूरत पे जाऊँ बलिहार भजन भक्त की गहरी श्रद्धा और प्रेम को दर्शाता है। यह भजन हनुमान जी के दिव्य स्वरूप की महिमा का गुणगान करता है, जिसमें उनका तेज, करुणा और शक्ति समाहित है। भक्त अपने आराध्य के प्रति अपार भक्ति और समर्पण प्रकट करते हुए कहता है कि वह अपने प्रभु के दिव्य दर्शन पर न्योछावर होने को तैयार है। इस भजन के माध्यम से हमें भक्ति की वह अनुभूति होती है, जिसमें प्रेम, आस्था और निष्ठा का अद्भुत संगम है।

Surat pe jaaun balihar Baba Teri Surat per jaaun balihar

सूरत पे जाऊँ बलिहार…
बाबा तेरी,
सूरत पे जाऊ बलिहार…
जाऊँ बलिहार तोहरे जाऊँ बलिहार,
सूरत पे जाऊ बलिहार…
बाबा तेरी,
सूरत पे जाऊ बलिहार।।

पग में तेरे पैजनिया बाजे…
राम धुन लागी तू,
छम छम नाचे…
पायल पे जाऊँ बलिहार,
बाबा तेरी,
सूरत पे जाऊ बलिहार।।

फूलों का बाबा गजरा बनाया…
राम जी के प्यारे तुम्हें,
पहनाने आया…
आज तोहरी नज़र लूँ उतार,
बाबा तेरी,
सूरत पे जाऊ बलिहार।।

सालासर के हे महाराजा…
पूर्ण करियो सबके काजा,
‘दीनू’ करे तुझसे पुकार…
‘आशु’ तेरा करता रहे श्रृंगार,
सूरत पे जाऊ बलिहार…
बाबा तेरी,
सूरत पे जाऊ बलिहार।।

सूरत पे जाऊँ बलिहार…
बाबा तेरी,
सूरत पे जाऊ बलिहार…
जाऊँ बलिहार तोहरे जाऊँ बलिहार,
सूरत पे जाऊ बलिहार…
बाबा तेरी,
सूरत पे जाऊ बलिहार।।

हनुमान जी का स्वरूप केवल भक्ति और शक्ति का प्रतीक नहीं, बल्कि वे अपने भक्तों की हर परेशानी को हरने वाले करुणामयी देव भी हैं। जब कोई भक्त सच्चे मन से उन्हें पुकारता है, तो वे अवश्य उसकी सहायता के लिए आते हैं। यह भजन हमें यह संदेश देता है कि जब तक हमारे हृदय में श्रद्धा और विश्वास बना रहेगा, तब तक हम हर कठिनाई से मुक्त हो सकते हैं। भक्त के प्रेम की गहराई तब प्रकट होती है जब वह अपने आराध्य पर पूर्ण रूप से समर्पित हो जाता है। यह भजन हमें भक्ति की उस अवस्था तक ले जाता है।

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