सोने की लंका जलाई रे वीर बजरंगबली ने लिरिक्स

सोने की लंका जलाई रे, वीर बजरंगबली ने भजन हनुमान जी के अपार बल, साहस और श्रीराम के प्रति उनकी अटूट भक्ति को दर्शाता है। यह भजन हमें उस दिव्य प्रसंग की याद दिलाता है जब वीर हनुमान जी ने अकेले ही रावण की सोने की लंका को जलाकर अपने प्रभु श्रीराम का संदेश दिया था। इस भजन के माध्यम से हम हनुमान जी की अपराजेय शक्ति, निर्भयता और धर्म के प्रति उनकी निष्ठा को महसूस कर सकते हैं।

Sone Ki Lanka Jalai Re Veer Bajrangbali Ne Lyrics

सोने की लंका जलाई रे,
वीर बजरंगबली ने,
रावण की लुटिया डुबोई रे,
वीर बजरंगबली ने।1।

राम नाम द्वारे पे लिखा है,
मात सिया का पता मिला है,
विभीषण की कुटिया बचाई रे,
वीर बजरंगबली ने।2।

शक्ति बाण लगे लक्ष्मण को,
रघुवर चैन पड़े नही मन को,
बूटी संजीवन को लाई रे,
वीर बजरंगबली ने।3।

एक लाख पूत सवा लख नाती,
कौन जलाये अब दीपक बाती,
‘पदम्’ की बिगड़ी बनाई रे,
वीर बजरंगबली ने।4।

सोने की लंका जलाई रे,
वीर बजरंगबली ने,
रावण की लुटिया डुबोई रे,
वीर बजरंगबली ने।5।

“सोने की लंका जलाई रे, वीर बजरंगबली ने” केवल एक भजन नहीं, बल्कि भक्तों के हृदय में जोश और भक्ति की अग्नि जलाने वाला अमृत है। हनुमान जी की भजन “हनुमान चालीसा” से हमें न केवल आत्मबल प्राप्त होता है, बल्कि हमारे भीतर के सभी भय समाप्त हो जाते हैं। उनकी भक्ति हमें जीवन के हर संग्राम में अजेय बनाती है और हमें सच्चे धर्म का मार्ग दिखाती है।

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