श्री राम की सेवा में रहे देखो आठों याम भजन लिरिक्स

श्री राम की सेवा में रहे देखो आठों याम भजन हनुमान जी के अनन्य भक्ति भाव और उनकी निःस्वार्थ सेवा का सुंदर चित्रण करता है। यह भजन हमें यह संदेश देता है कि हनुमान जी ने अपने आराध्य श्रीराम की सेवा को ही अपने जीवन का परम उद्देश्य बना लिया था। उनका हर क्षण, हर कर्म केवल प्रभु श्रीराम की सेवा और उनकी महिमा के लिए समर्पित था। यह भजन भक्तों को भी प्रेरित करता है कि वे अपने जीवन में भक्ति, समर्पण और सेवा का भाव अपनाएँ।

Shri Ram Ki Seva Mein Rahe Dekho Aathon Yam

श्री राम की सेवा में रहे
देखो आठों याम,
ये अंजनी का लाल
जपे एक यही नाम,
रघुपति राघव राजा राम।।

श्री राम का प्यारा है,
ये सीता का दुलारा
इसने हर एक सांस पे,
सियाराम उचारा
सेवक है ये अनोखा,
जो करता नहीं आराम
ये अंजनी का लाल,
जपे एक यही नाम,
रघुपति राघव राजा राम।।

सागर को लांघना हो या
लंका को जलाना,
पर्वत को उठाना हो या
लक्ष्मण को बचाना,
पल में मिटा दी मुश्किलें
जितनी भी थी तमाम,
ये अंजनी का लाल
जपे एक यही नाम,
रघुपति राघव राजा राम।।

श्री राम की सेवा में रहे
देखो आठों याम,
ये अंजनी का लाल
जपे एक यही नाम,
रघुपति राघव राजा राम।।

हनुमान जी की भक्ति केवल शक्ति और पराक्रम का उदाहरण नहीं, बल्कि एक भक्त के अपने प्रभु के प्रति अटूट प्रेम और समर्पण का प्रतीक भी है। यह भजन हमें यह सिखाता है कि जब कोई व्यक्ति निष्काम भाव से भगवान की सेवा में लीन हो जाता है, तो उसके जीवन में शांति, स्थिरता और आनंद का संचार होता है। हनुमान जी की श्रीराम के प्रति भक्ति हमें समर्पण, निष्ठा और कर्तव्यपरायणता का मार्ग दिखाती है, जिससे हमारा जीवन भी सफल और सार्थक बन सकता है।

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