“श्री राम दीवाना जा रहा था हवा के झोंके से” भजन भगवान श्रीराम की अद्भुत भक्ति और उनके प्रति समर्पण का प्रतीक है। यह भजन एक भक्त के प्रेम और भक्ति की गहराई को दर्शाता है, जो अपने आराध्य प्रभु श्रीराम के दिव्य स्वरूप में लीन रहता है। इस भजन के माध्यम से हमें यह संदेश मिलता है कि जब मन राम नाम के रंग में रंग जाता है, तो हर सांस एक भजन बन जाती है और जीवन का हर क्षण प्रभु की आराधना में समर्पित हो जाता है।
Shree Ram Diwana Ja Raha Tha Hawa Ke Jhonkhe Se Bhajan Lyrics
श्री राम दीवाना जा रहा था, हवा के झोंके से।
चौपाई –
निशिचर आयो जानके, भरत चलायो बाण,
राम राम कही राम कही, भूमि परे हनुमान।।
श्री राम दीवाना जा रहा था, हवा के झोंके से,
तीर भरत ने मार दिया, हाय रे धोखे से,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम।।
श्री राम चंद्र और जानकी को, अपने दिल में बसा लिया,
इतने भारी पर्वत को, हाथों में उठा लिया,
श्री राम नाम का जाप किया, हवा के झोंके से,
तीर भरत ने मार दिया, हाय रे धोखे से,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम।।
स्वामी मेरे रामचंद्र और, माता मेरी जानकी,
अपने दिल में बसा रखी है, मूरत सीताराम की,
पर्वत को उठा संधान किया, हवा के झोंके से,
तीर भरत ने मार दिया, हाय रे धोखे से,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम।।
बूटी लेकर आ गये, किरपा से श्री राम की,
जय जय सब करने लगे, महावीर हनुमान की,
रघुकुल पे बड़ा एहसान किया, हवा के झोंके से,
तीर भरत ने मार दिया, हाय रे धोखे से,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम।।
प्रेम भक्ति और भाव से, जो भी इनका ध्यान धरे,
हो जाता कल्याण उनका, रक्षा स्वयं हनुमान करे,
भगतो को अभय वरदान दिया, हवा के झोंके से,
तीर भरत ने मार दिया, हाय रे धोखे से,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम।।
श्री राम दिवाना जा रहा था, हवा के झोंके से,
तीर भरत ने मार दिया, हाय रे धोखे से,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम,
मुख से निकला जय सिया राम,
जय सिया राम जय सिया राम।।
“श्री राम दीवाना जा रहा था हवा के झोंके से” केवल एक भजन नहीं, बल्कि उन सभी भक्तों की भावना है, जो श्रीराम के प्रेम में पूर्ण रूप से समर्पित हैं। यह हमें प्रेरणा देता है कि हम अपने जीवन को धर्म, सच्चाई और प्रेम के मार्ग पर ले जाएं और प्रभु श्रीराम की कृपा प्राप्त करें।
I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle. View Profile