“संजीवन लेने बजरंगी पवन वेग से आए” भजन हनुमान जी की अविश्वसनीय शक्ति और उनकी महानता का वर्णन करता है। इस भजन में बताया जाता है कि किस तरह हनुमान जी ने अपनी तीव्र गति से पवन के वेग से संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण की जान बचाई। यह भजन हनुमान जी के अद्वितीय बल, साहस और समर्पण को दर्शाता है।
Sanjivan Lene Bajrangi Pavan Veg Se Aaye Lyrics
संजीवन लेने बजरंगी, पवन वेग से आए,
पर्वत हाथ उठाए, पर्वत हाथ उठाए,
ढूंढ ढूंढ कर हार गए जब, बूटी खोज ना पाए,
पर्वत हाथ उठाए।1।
नील गगन में लगा की मानो,
एक भूचाल सा आया,
समझ के दानव भाई भरत ने,
झटपट तीर चलाया,
पाँव में तीर लगा वो घायल,
हो के धरा पे आए,
पर्वत हाथ उठाए,
पर्वत हाथ उठाए।2।
मुझे से राम का नाम सुना तो,
भरत यूँ पूछन लागे,
कौन हो तुम और कहाँ से आए,
जाना कहाँ है आगे,
लक्ष्मण की मूर्छा का किस्सा,
हनुमत उन्हें सुनाए,
पर्वत हाथ उठाए,
पर्वत हाथ उठाए।3।
सुबह की पहली किरण से पहले,
मुझको वहां है जाना,
घायल कैसे उड़ पाएगा,
भाई जरा बताना,
भरत जी बोले तीर पे बैठो,
ये तुमको पहुंचाए,
पर्वत हाथ उठाए,
पर्वत हाथ उठाए।4।
सूरज उगने वाला था प्रभु,
राम का दिल घबराया,
उसी समय संजीवन लेकर,
कपि वहां पर आया,
‘हर्ष’ कहे रघुनन्दन उनको,
अपने गले लगाए,
पर्वत हाथ उठाए,
पर्वत हाथ उठाए।5।
संजीवन लेने बजरंगी,
पवन वेग से आए,
पर्वत हाथ उठाए,
पर्वत हाथ उठाए,
ढूंढ ढूंढ कर हार गए जब,
बूटी खोज ना पाए,
पर्वत हाथ उठाए।6।
हनुमान जी के बारे में जितना कहा जाए, उतना कम है। उनके कार्यों, साहस और निष्ठा से हर भक्त प्रेरित होता है। “संजीवन लेने बजरंगी पवन वेग से आए” भजन हमें यह याद दिलाता है कि जब भी हम संकट में होते हैं, तो हनुमान जी अपने भक्तों की मदद के लिए तत्पर रहते हैं। उनके आशीर्वाद से जीवन की कठिनाइयाँ आसान हो जाती हैं।
I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle. View Profile