राम के रंग में रंगा हुआ है अंजनीसुत बजरंग बाला भजन श्री हनुमान जी की अपार भक्ति और उनके श्रीराम के प्रति अनन्य प्रेम का जीवंत चित्रण करता है। यह भजन दर्शाता है कि हनुमान जी केवल शक्ति और पराक्रम के प्रतीक ही नहीं, बल्कि समर्पण और प्रेम की मूर्ति भी हैं। वे श्रीराम के रंग में ऐसे रंगे हुए हैं कि उनके मन, वचन और कर्म सभी श्रीराम के लिए ही समर्पित हैं। यह भजन हमें भी यही प्रेरणा देता है कि अगर हम अपने जीवन में सच्चे हृदय से प्रभु की भक्ति में रंग जाएं, तो हर कठिनाई सरल हो जाती है और जीवन सुखमय बन जाता है।
Ram Ke Rang Mein Ranga Hua Hai Anjani Sut Bajrangbala
राम के रंग में रंगा हुआ है।
अंजनीसुत बजरंग बाला,
ऐसा लगता छलक रहा है।
जैसे भक्ति का प्याला,
राम के रंग मे रंगा हुआ हैं।।
राम की सेवा करने खातिर।
धरती पर अवतार लिया,
जो भी आज्ञा मिली राम से।
हनुमत ने स्वीकार किया,
राम नाम के महामंत्र की।
हर पल ये फेरे माला,
ऐसा लगता छलक रहा है।
जैसे भक्ति का प्याला,
राम के रंग मे रंगा हुआ हैं।।
पाँव में घुंगरू बाँध के नाचे।
हाथो में करताल बजे,
प्रेम मगन हो बजरंगी का।
स्वास स्वास श्री राम भजे,
राम की धुन में मस्त होय कर।
नाच रहा है मतवाला,
ऐसा लगता छलक रहा है।
जैसे भक्ति का प्याला,
राम के रंग मे रंगा हुआ हैं।।
तन मन इसका अर्पण सारा।
श्री राम के चरणों में,
प्रेम का सागर उमड़ रहा है।
हनुमान के नैनो में,
भक्ति की मस्ती में इसने।
सीना फाड़ दिखा डाला,
ऐसा लगता छलक रहा है।
जैसे भक्ति का प्याला,
राम के रंग मे रंगा हुआ हैं।।
राम नाम के सिवा जगत में।
हनुमत को कुछ ना भाये,
हनुमत को प्यारा लगता है।
राम की महिमा जो गाये,
‘बिन्नू’ जो है राम का प्रेमी।
उसका है ये रखवाला,
ऐसा लगता छलक रहा है।
जैसे भक्ति का प्याला,
राम के रंग मे रंगा हुआ हैं।।
राम के रंग में रंगा हुआ है।
अंजनीसुत बजरंग बाला,
ऐसा लगता छलक रहा है।
जैसे भक्ति का प्याला,
राम के रंग मे रंगा हुआ हैं।।
हनुमान जी का संपूर्ण जीवन श्रीराम के प्रेम और सेवा में समर्पित रहा। उन्होंने हर परिस्थिति में अपने प्रभु के कार्यों को पूर्ण करने का संकल्प लिया और भक्तों के लिए सेवा और समर्पण का एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। जब हम हनुमान जी के चरित्र को देखते हैं, तो हमें यह समझ में आता है कि सच्ची भक्ति केवल शब्दों तक सीमित नहीं होती, बल्कि वह पूर्ण निष्ठा और समर्पण से भरे हुए कर्मों में प्रकट होती है। इस भजन के माध्यम से हमें यह सीखने को मिलता है कि अगर हम अपने जीवन को ईश्वर की भक्ति में रंग दें, तो कोई भी दुख, संकट या बाधा हमें रोक नहीं सकती।

I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle. View Profile