राम के भक्त हनुमत बजरंगबली, अपने चरणों में ऐसे बिठाना हमें भजन भक्तों की उस गहरी इच्छा को व्यक्त करता है, जिसमें वे स्वयं को हनुमान जी के चरणों में समर्पित करना चाहते हैं। यह भजन भक्ति, श्रद्धा और समर्पण की भावना को दर्शाता है, जो हर रामभक्त के हृदय में बसती है। जब हम हनुमान जी की शरण में आते हैं, तो हमें असीम शांति और शक्ति का अनुभव होता है।
Ram Ke Bhakt Hanumat Bajrangbali Apne Charano Me Aise Bithana Hame
राम के भक्त हनुमत बजरंगबली,
अपने चरणों में ऐसे बिठाना हमें…
हम तुम्हारी तरह सीताराम को जपें,
राह भक्ति की ऐसी दिखाना हमें…
राम के भक्त हनुमत बजरंग बली,
अपने चरणों में ऐसे बिठाना हमें।।
जय हनुमान जय हनुमान,
जय हनुमान जय हनुमान।
राम को आप वन में थे ऐसे मिले…
जैसे स्वामी को मिलता है सेवक कोई,
आपको को राम सीता भी यूँ मिल गए,
जैसे नैया को मिलता है केवट कोई…
आप की ही तरह राम तारे हमें,
ऐसा सौभाग्यशाली बनाना हमें…
राम के भक्त हनुमत बजरंग बली,
अपने चरणों में ऐसे बिठाना हमें।।
जय हनुमान जय हनुमान,
जय हनुमान जय हनुमान।
राम का दूत तुमसा ना आया कभी,
ना ही युग युग में ऐसा कोई आएगा…
आप की निष्ठा की राम की भक्ति की,
ज्ञान की गुण की महिमा ये जग गाएगा,
राम के काज करने को आतुर रहे…
ऐसे सेवा के अवसर दिलाना हमें,
राम के भक्त हनुमत बजरंग बली,
अपने चरणों में ऐसे बिठाना हमें।।
जय हनुमान जय हनुमान,
जय हनुमान जय हनुमान।
राम पे विपदा जब कोई आई कहीं,
आपने अपना साहस ना हारा कभी…
राम के संग पीड़ा को सहते हुए,
अपने बल से दिया था सहारा सभी…
राम के गुण सदा आप गाते रहे,
राम महिमा का वर्णन सुनाना हमें…
राम के भक्त हनुमत बजरंग बली,
अपने चरणों में ऐसे बिठाना हमें।।
जय हनुमान जय हनुमान,
जय हनुमान जय हनुमान।
तीर खाके लखन ऐसे मूर्छित हुए…
शेष कुछ साँसे तन में ही अटकी रही,
आपने वेग से ऐसे की यात्रा,
जाके लाए थे बूटी वो संजीवनी…
राम ने तुमको जैसे लगाया गले,
ठीक वैसे गले तुम लगाना हमें…
राम के भक्त हनुमत बजरंग बली,
अपने चरणों में ऐसे बिठाना हमें।।
जय हनुमान जय हनुमान,
जय हनुमान जय हनुमान।
दास बन राम चरणों में रहते रहे,
राम जी ने तुम्हे भाई माना सदा…
जिस जगह राम सीता जी दिखते रहे,
स्वर्ग है उस जगह तुमने जाना सदा…
हर जगह पत्ते पत्ते कण कण में तुम,
राम सीता के दर्शन कराना हमें…
राम के भक्त हनुमत बजरंग बली,
अपने चरणों में ऐसे बिठाना हमें।।
जय हनुमान जय हनुमान,
जय हनुमान जय हनुमान।
सुनलो विनती हमारी ये हनुमान जी,
छल कपट लोभ से दूर रखना हमें…
हो जो अज्ञानता से कोई भूल भी,
हम है बालक समझ माफ़ करना हमें,
राम सीता को पाने के साधन के संग…
सेवा जप तप और संयम सीखना हमें,
राम के भक्त हनुमत बजरंग बली,
अपने चरणों में ऐसे बिठाना हमें।।
जय हनुमान जय हनुमान,
जय हनुमान जय हनुमान।
राम के भक्त हनुमत बजरंगबली,
अपने चरणों में ऐसे बिठाना हमें…
हम तुम्हारी तरह सीताराम को जपें,
राह भक्ति की ऐसी दिखाना हमें…
राम के भक्त हनुमत बजरंग बली,
अपने चरणों में ऐसे बिठाना हमें।।
जय हनुमान जय हनुमान,
जय हनुमान जय हनुमान।
हनुमान जी के चरणों में बैठने का अर्थ केवल शारीरिक उपस्थिति नहीं, बल्कि आत्मा का पूर्ण समर्पण है। यह भजन हमें सिखाता है कि जब हम पूरे मन से बजरंगबली को पुकारते हैं, तो वे हमें अपने आशीर्वाद से कृतार्थ कर देते हैं। यदि इस भजन ने आपके मन में हनुमान जी के प्रति और अधिक श्रद्धा जगा दी है, तो उठो हे पवनपुत्र हनुमान, सागर पार जाना है भजन भी अवश्य पढ़ें, जो हनुमान जी की महानता को और अधिक उजागर करता है। जय श्रीराम! जय हनुमान!

I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle. View Profile