प्रार्थना है यही मेरी हनुमान जी भजन लिरिक्स

प्रार्थना है यही मेरी हनुमान जी भजन भक्तों की गहरी आस्था और श्रद्धा को दर्शाता है। यह भजन एक भक्त की विनम्र प्रार्थना का रूप है, जिसमें वह हनुमान जी से अपने जीवन में सदैव कृपा बनाए रखने की याचना करता है। यह भजन हमें यह सिखाता है कि सच्चे मन से की गई प्रार्थना कभी व्यर्थ नहीं जाती, क्योंकि बजरंगबली अपने भक्तों की पुकार अवश्य सुनते हैं।

Prathana Hai Yahi Hanuman Ji Bhajan Lyrics

प्रार्थना है यही मेरी हनुमान जी,
मेरे सर पर भी अब हाथ धर दीजिए,
राम सीता का दर्शन कराके मुझे,
मेरे सपने को साकार कर दीजिए,
प्रार्थना हैं यही मेरी हनुमान जी,
मेरे सर पर भी अब हाथ धर दीजिए।1।

दुःख देते मुझे मेरे ही पाप है,
मेरे मन में है क्या जानते आप है,
आप हर रुप है इसलिए कर कृपा,
मेरी हर एक संकट को हर लिजिए,
प्रार्थना हैं यही मेरी हनुमान जी,
मेरे सर पर भी अब हाथ धर दीजिए।2।

मैं भावुक तो हूँ पर नहीं भक्त हूँ,
इसी कारण तो विषयों में आसक्त हूँ,
वासना मुक्त कर मेरे मन को प्रभु,
राम सीता की भक्ति से भर दीजिए,
प्रार्थना हैं यही मेरी हनुमान जी,
मेरे सर पर भी अब हाथ धर दीजिए।3।

तन निरोगी रहे धन भी भरपूर हो,
मन भजन में रहे द्वंद्व दुःख दूर हो,
कर्ज भी न रहे मर्ज भी न रहे,
फर्ज निभता रहे ऐसा वर दीजिए,
प्रार्थना हैं यही मेरी हनुमान जी,
मेरे सर पर भी अब हाथ धर दीजिए।4।

मैं कथा भी कहूँ तो सियाराम की,
मैं भगति भी करूँ तो सियाराम की,
सृष्टि ‘राजेश’ दिखें सियाराममय,
दास की दृष्टि में वो असर दीजिए,
प्रार्थना हैं यही मेरी हनुमान जी,
मेरे सर पर भी अब हाथ धर दीजिए।5।

प्रार्थना है यही मेरी हनुमान जी,
मेरे सर पर भी अब हाथ धर दीजिए,
राम सीता का दर्शन कराके मुझे,
मेरे सपने को साकार कर दीजिए,
प्रार्थना हैं यही मेरी हनुमान जी,
मेरे सर पर भी अब हाथ धर दीजिए।6।

“प्रार्थना है यही मेरी हनुमान जी” भजन हमें यह संदेश देता है कि केवल संकट के समय ही नहीं, बल्कि हर परिस्थिति में हमें हनुमान जी का स्मरण करना चाहिए। इनके अन्य भजन “हनुमान चालीसा” से हमें न केवल आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है, बल्कि हमारा जीवन भी उनके मार्गदर्शन से सरल और सफल बनता है।

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