नफरत की दुनिया में हो गया जीना अब दुश्वार भजन लिरिक्स

नफरत की दुनिया में हो गया जीना अब दुश्वार भजन आज के समय की कठोर सच्चाई को दर्शाता है, जहाँ स्वार्थ, ईर्ष्या और नफरत ने प्रेम और सद्भावना को पीछे छोड़ दिया है। यह भजन हमें यह याद दिलाता है कि केवल भक्ति, सच्ची आस्था और प्रभु के चरणों में शरण लेने से ही इस कठोर दुनिया में शांति और सुकून पाया जा सकता है। यह भजन हमें भक्ति के मार्ग पर चलने और प्रेम तथा सद्भावना को अपनाने की प्रेरणा देता है।

Nafrat Ki Duniya Mein Ho Gaya Hai Jeena dushwar

नफरत की दुनिया में,
हो गया जीना अब दुश्वार
भक्तो की सुनिए पुकार,
हे अंजनी माँ के लाल आइये
करने को उद्धार,
भक्तो की सुनिए पुकार
भक्तो की सुनिए पुकार।।

हनुमान जी सुनिए
भक्तो की ये विनती,
दुःख दर्द से हमको
दिलवाइये मुक्ति,
हम दुखियारों पे केसरी नंदन
कर दीजे उपकार,
भक्तो की सुनिए पुकार
भक्तो की सुनिए पुकार।।

ये दौर है कैसा
हनुमान जी आया,
चारों तरफ अंधकार
धरती पे है छाया,
अब बढ़ने लगा है धरती पर
बेहद ही अत्याचार,
भक्तो की सुनिए पुकार
भक्तो की सुनिए पुकार।।

हे केसरी नंदन,
कर दे कृपा हम पर
आए है चौखट पर,
अरदास ये लेकर
भक्तो की ये अरदास मारुती
कर लीजे स्वीकार,
भक्तो की सुनिए पुकार
भक्तो की सुनिए पुकार।।

श्री राम के सेवक,
रघुवीर के प्यारे
यदि आप चाहें तो,
छट जाए अंधियारे
दिखलाइये बजरंगी,
कोई ऐसा तो चमत्कार
भक्तो की सुनिए पुकार,
भक्तो की सुनिए पुकार।।

श्री राम सीता की,
है आपको सौगंध
कर दीजिये पृथ्वी से,
अब ख़त्म ये आतंक
हम महाबली हनुमान करेंगे,
आपकी जय जयकार
भक्तो की सुनिए पुकार,
भक्तो की सुनिए पुकार।।

ईच्छा है बजरंगी,
हो विश्व में शांति
सुख से रहे जीवन,
कष्टों से हो मुक्ति
ये आप ही कर सकते हो,
आप की शक्ति अपार
भक्तो की सुनिए पुकार,
भक्तो की सुनिए पुकार।।

नफरत की दुनिया में,
हो गया जीना अब दुश्वार
भक्तो की सुनिए पुकार,
हे अंजनी माँ के लाल आइये
करने को उद्धार,
भक्तो की सुनिए पुकार
भक्तो की सुनिए पुकार।।

जब जीवन कठिनाइयों से घिर जाता है और चारों ओर केवल स्वार्थ और नफरत का माहौल दिखाई देता है, तब हमें प्रभु की भक्ति ही एकमात्र सहारा देती है। यह भजन हमें सिखाता है कि संसार चाहे कितना भी बदल जाए, लेकिन भगवान की कृपा और उनके प्रति हमारा प्रेम अडिग रहना चाहिए। हनुमान जी की भक्ति हमें इस कठिन दुनिया में भी सच्ची राह दिखाती है, जहाँ प्रेम, करुणा और सेवा ही वास्तविक सुख के स्रोत हैं।

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