मेरे सीने में बसे है जानकी संग राम जी भजन लिरिक्स

मेरे सीने में बसे हैं जानकी संग राम जी भजन श्रीराम और माता जानकी के प्रति अटूट प्रेम और भक्ति का सुंदर चित्रण करता है। यह भजन दर्शाता है कि जब कोई भक्त अपने हृदय में प्रभु श्रीराम और माता जानकी को बसाता है, तो उसके जीवन में आनंद, शांति और भक्ति की अविरल धारा प्रवाहित होती है। यह भजन हमें सिखाता है कि सच्ची भक्ति केवल मंदिरों तक सीमित नहीं होती, बल्कि जब भक्त अपने हृदय में ही प्रभु को स्थान दे देता है, तब उसे हर पल उनका आशीर्वाद मिलता रहता है।

Mere Sine Mein Base Hain Janaki Sang Ram ji

मेरे सीने में बसे है,
जानकी संग राम जी
मैं जहाँ देखूं नजर,
आते है मुझको राम जी
मेरे सींने में बसे है,
जानकी संग राम जी।।

एक पल जो राम रूठे,
तो मैं जी ना पाऊंगा
एक पल जो राम रूठे,
तो मैं जी ना पाऊंगा
साँसे है धड़कन है मेरी,
जिंदगी है राम जी
मेरे सींने में बसे है,
जानकी संग राम जी।।

हिरे मोती सोना चांदी,
मुझको कुछ ना चाहिए
हिरे मोती सोना चांदी,
मुझको कुछ ना चाहिए
मिल गया माणिक मुझे जो,
मिल गए है राम जी
मेरे सींने में बसे है,
जानकी संग राम जी।।

डर नहीं जब काल से भी,
फिर किसी से क्यों डरूं
डर नहीं जब काल से भी,
फिर किसी से क्यों डरूं
मेरे संग ‘बलजीत’ हरपल,
रहते है मेरे राम जी
मेरे सींने में बसे है,
जानकी संग राम जी।।

मेरे सीने में बसे है,
जानकी संग राम जी
मैं जहाँ देखूं नजर,
आते है मुझको राम जी
मेरे सींने में बसे है,
जानकी संग राम जी।।

श्रीराम और माता जानकी की भक्ति केवल एक साधारण आराधना नहीं, बल्कि जीवन को सार्थक बनाने का मार्ग है। यह भजन हमें यह प्रेरणा देता है कि जब हम अपने हृदय को प्रेम, विश्वास और समर्पण से भरते हैं, तो राम जी और माता जानकी स्वयं हमारे जीवन का मार्गदर्शन करते हैं। उनकी भक्ति से जीवन के सभी कष्ट और अंधकार दूर हो जाते हैं, और भक्त को अनंत शांति और दिव्यता की प्राप्ति होती है।

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