मन मेरा मन रहे तुझमें मगन भजन ईश्वर के प्रति अनन्य भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। जब मनुष्य का चित्त भगवान की भक्ति में डूब जाता है, तो उसे संसार की मोह-माया से मुक्ति मिलती है और आत्मिक शांति प्राप्त होती है। यह भजन हमें यह सिखाता है कि सच्ची खुशी और शांति केवल भगवान की भक्ति में ही संभव है। जब हमारा मन हर परिस्थिति में प्रभु के चरणों में लीन रहता है, तभी जीवन की कठिनाइयाँ सरल हो जाती हैं।
Man Mera Man Rahe Tujhme Magan
मन मेरा मन, रहे तुझमे मगन,
मुझको लगा दे बाबा,ऐसी तू लगन।
मन मेरा मन, रहे तुझमे मगन॥
नैनो की खिड़की खुलें, जो तेरी ही सूरत दिखे।
इस दिल में तू जो बसे, तो सब खूबसूरत दिखे।
कोई नहीं बैरी हो, कोई ना पराया हो।
सबको ही चाहूँ,जिसे तूने अपनाया हो।
रंजिशे रहे ना कोई, ना कोई जलन,
मन मेरा मन, रहे तुझमे मगन॥
तेरे ही दिल की सुनूं, तुमसे ही दिल की कहूं।
मेरा ना मुझमे रहे कुछ, तेरा ही हो के रहूं।
तुमसे ही जुड़े मेरे, जिंदगी के तार है।
तुमसे ही बाबा मुझे, प्यार बेशुमार है।
तेरी ओर ही हो बाबा, मेरा हर कदम,
मन मेरा मन, रहे तुझमे मगन॥
मन मेरा मन, रहे तुझमे मगन,
मुझको लगा दे बाबा, ऐसी तू लगन,
मन मेरा मन, रहे तुझमे मगन॥
Man Mera Man Rahe Tujhme Magan भजन हमें प्रेरित करता है कि हम हर परिस्थिति में भगवान का स्मरण करें और अपने मन को उनकी भक्ति में तल्लीन रखें। क्योंकि ईश्वर की भक्ति ही वह मार्ग है, जो जीवन को सार्थक और आनंदमय बनाता है। जय श्रीराम! जय हनुमान।
I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle. View Profile