माँ अंजनी के राज दुलारे श्री राम के काज सँवारे लिरिक्स

माँ अंजनी के राज दुलारे, श्री राम के काज सँवारे भजन हनुमान जी के दिव्य स्वरूप और उनकी अविश्वसनीय भक्ति का गुणगान करता है। यह भजन हमें याद दिलाता है कि हनुमान जी केवल बल और पराक्रम के प्रतीक ही नहीं, बल्कि आदर्श सेवक, भक्त और प्रभु श्रीराम के अनन्य स्नेही भी हैं। उनकी भक्ति हमें सिखाती है कि जब हम पूरे मन, आत्मा और श्रद्धा के साथ अपने आराध्य को समर्पित होते हैं, तब हर कार्य सफल होता है।

Man Anjani ke Raj Dulare Shri Ram Ke Kaj Saware

माँ अंजनी के राज दुलारे,
श्री राम के काज सँवारे
चरणों में तेरे वंदन,
चरणों में तेरे वंदन
माँ अंजनी के राज दुलारें।।

बचपन में सूरज को
मुख में तूने छिपाया था,
घबरा कर इंद्र ने तुम पर
वज्र चलाया था,
भूले….. तुम अपनी याददाश्त
चरणों में तेरे वंदन,
चरणों में तेरे वंदन,
माँ अंजनी के राज दुलारें।।

साधु रूप धर रावण ने जब
सीता माँ का हरण किया,
पता लगा कर सीता माँ को
श्रीराम का हाल कहा,
लंका….. को जला के आगये
चरणों में तेरे वंदन,
चरणों में तेरे वंदन
माँ अंजनी के राज दुलारें।।

बाण लगा जब लक्ष्मण को,
संजीवनी बूटी लाने गए
समझें नहीं बूटी को,
पूरा पर्वत ले आये
श्रीराम…. श्रीराम भक्त हनुमान सुनो,
चरणों में तेरे वंदन
चरणों में तेरे वंदन,
माँ अंजनी के राज दुलारें।।

भक्त तेरे द्वार खड़े,
सबके संकट हर लेना
‘विशाल’ की अर्जी यही बाबा,
सब की सुध लेना
गाता…. गाता रहु गुणगान तेरा,
चरणों में तेरे वंदन
चरणों में तेरे वंदन,
माँ अंजनी के राज दुलारें।।

माँ अंजनी के राज दुलारे,
श्री राम के काज सँवारे
चरणों में तेरे वंदन,
चरणों में तेरे वंदन
माँ अंजनी के राज दुलारें।।

हनुमान जी का जीवन समर्पण और निष्ठा की अद्भुत मिसाल है। उन्होंने अपने स्वामी श्रीराम के कार्यों को केवल एक सेवक की तरह नहीं, बल्कि पूरे प्रेम और भक्ति के साथ पूर्ण किया। यही कारण है कि वे रामभक्तों के लिए प्रेरणा का सबसे बड़ा स्रोत हैं। जब भी कोई भक्त उनकी भक्ति में डूब जाता है, तब हनुमान जी उसे बल, बुद्धि और विजय का आशीर्वाद देते हैं। यह भजन हमें यह सिखाता है कि जीवन में सफलता और शांति प्राप्त करने के लिए हमें भी अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाना चाहिए, जैसे हनुमान जी ने श्रीराम के प्रति किया।

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