लाल लंगोटो हाथ में सोटो थारी जय हो पवन कुमार भजन लिरिक्स

लाल लंगोटो हाथ में सोटो भजन हनुमान जी की शक्ति और उनके अडिग विश्वास को दर्शाता है। यह भजन यह जताता है कि भगवान हनुमान, जो पवन पुत्र हैं, अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। भक्तों के संकटों को दूर करने वाले हनुमान जी के जयकारे में हमेशा विजय और सुख-संपत्ति का वास होता है।

Laal Langoto Hath Mien Soto Thari Jai Ho Pawan Kumar

लाल लंगोटो हाथ में सोटो,
श्लोक – लाल देह लाली लसे
अरु धर लाल लंगुर,
वज्र देह दानव दलन
जय जय जय कपि सूत।

लाल लंगोटो हाथ में सोटो,
लाल लंगोटो हाथ मे सोटो
थारी जय हो पवन कुमार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी।।

सालासर थारो देवरो है,
मेहंदीपुर थारो देवरो है
थारे नोबत बाजे द्वार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी।।

चैत्र सुदी पूनम को मेलो,
चैत्र सुदी पूनम को मेलो
थारे आये भगत हजार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी।।

तेल सिंदूर चढ़े तन ऊपर,
तेल सिंदूर चढ़े तन ऊपर
कोई मंगल और शनिवार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी।।

लाल लंगोटो हाथ मे सोटो,
थारी जय जो पवन कुमार,
मैं वारि जाऊँ बालाजी
थारी जय हो दीनदयाल,
मैं वारि जाऊँ बालाजी।।

यह भजन भगवान हनुमान की अपार महिमा और शक्तियों की सराहना करता है। जब भी भक्त उन्हें श्रद्धा और विश्वास के साथ पुकारते हैं, तो वे हर संकट को दूर करने में सक्षम होते हैं। हनुमान जी की जयकारे में एक अद्भुत शांति और सुरक्षा का आभास होता है, और यह भजन हमें उनके कृपा से भरे जीवन की प्रेरणा देता है। उनके आशीर्वाद से ही हर व्यक्ति का जीवन सुखमय और संकट मुक्त होता है।

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