कौन काटता राम के बंधन जो हनुमान ना होते भजन लिरिक्स

कौन काटता राम के बंधन जो हनुमान ना होते भजन, भगवान श्री राम और उनके अनन्य भक्त हनुमान जी के बीच गहरे और अविचल संबंध को उजागर करता है। यह भजन हमें यह समझाने की कोशिश करता है कि हनुमान जी का राम के साथ अडिग संबंध न केवल अविस्मरणीय है, बल्कि राम के कार्यों को संपन्न करने में हनुमान जी का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह भजन राम और हनुमान के अनूठे प्रेम और भक्ति की गाथा को जीवंत करता है, जो हर भक्त के दिल में श्रद्धा और विश्वास की भावना को जागृत करता है।

Koun Katata Ram Ke Bandhan Jo Hanuman Na Hote

कौन काटता राम के बंधन,
जो हनुमान ना होते,
जो हनुमान ना होते
कौन काटता राम के बंधन,
जो हनुमान ना होते।।

राम और रावण युद्ध हुआ,
हनुमान ने रक्षा किन्ही,
हनुमान ने रक्षा किन्ही,
लक्ष्मण को जब शक्ति लागि,
ला संजीवनी दीन्हि
ला संजीवनी दीन्हि,
कौन बचाता लक्ष्मण जी को
जो हनुमान ना होते,
जो हनुमान ना होते
कौंन काटता राम के बंधन,
जो हनुमान ना होते।।

राम लखन को हर कर ले गया,
अहिरावण बलकारी
अहिरावण बलकारी,
बलि चढ़ाने काली की जब
उसने करि तैयारी,
उसने करि तैयारी
काली रूप धारकर हनु ने,
अहिरावण को मारा
राम लखन को छुड़ाके लाया,
ये ही राम दुलारा,
ये ही राम दुलारा
कौन काटता ये सब संकट,
जो हनुमान ना होते,
जो हनुमान ना होते
कौंन काटता राम के बँधन,
जो हनुमान ना होते।।

भरत के प्राण बचावन कारण,
आप अयोध्या आए
आप अयोध्या आए,
आय रहे है राम जी,
समाचार पहुंचाए
समाचार पहुंचाए,
भरत ने उनको गले लगाया,
धन्य धन्य उपकारी
धन्य धन्य उपकारी,
तुम ना होते हनुमान तो,
जलती चिता हमारी
जलती चिता हमारी,
भरत की विपदा कौन मिटाता,
जो हनुमान ना होते
जो हनुमान ना होते,
कौन काटता राम के बंधन,
जो हनुमान ना होते।।

कौन काटता राम के बँधन,
जो हनुमान ना होते
जो हनुमान ना होते,
कौंन काटता राम के बंधन,
जो हनुमान ना होते।।

जय जय महावीर बजरंगबलि,
जय जय महावीर बजरंगबलि
बजरंगबली मोरी नाँव चली,
बजरंगबली मोरी नाँव चली
जय जय महावीर बजरंगबलि।

कौन काटता राम के बंधन जो हनुमान ना होते भजन, हमें यह एहसास दिलाता है कि भगवान राम के कार्यों में हनुमान जी का महत्व कितना अभूतपूर्व था। राम और हनुमान का संबंध एक आदर्श और अभूतपूर्व प्रेम का प्रतीक है, जहां हनुमान जी ने अपनी पूरी शक्ति और श्रद्धा से राम के कार्यों को पूर्ण किया। इस भजन के माध्यम से, हम यह समझ सकते हैं कि राम के बिना हनुमान का अस्तित्व अधूरा है, और हनुमान के बिना राम का कार्य अव्यवस्थित रहता। हनुमान जी के अन्य भजनों की तरह, इस भजन में भी उनकी भक्ति और शक्ति का अद्वितीय योगदान दिखाई देता है, जो हमें अपने जीवन में समर्पण और भक्ति का असली अर्थ सिखाता है।

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