जलाई दियो रे हनुमान जी ने लंका

जलाई दियो रे हनुमान जी ने लंका भजन भगवान हनुमान की महिमा और पराक्रम को दर्शाता है। यह भजन उस ऐतिहासिक घटना का स्मरण कराता है जब हनुमान जी ने अपनी पूंछ में आग लगाकर लंका को भस्म कर दिया था। यह केवल एक शारीरिक पराक्रम नहीं था, बल्कि अधर्म और अन्याय के विरुद्ध धर्म की विजय का प्रतीक था। Jalai Diyo Re Hanuman Jee Ne Lanka भजन हमें सिखाता है कि जब भी बुराई अपने चरम पर हो, तब हनुमान जी जैसे सच्चे भक्त और वीर योद्धा उसका नाश करने के लिए आगे आते हैं।

Jalai Diyo Re Hanuman Jee Ne Lanka

जलाई दियो रे हनुमान जी ने लंका,
जय हो माता अंजनी के वीर बंका।
जलाई दियो री हनुमान जी ने लंका॥

पवन के पुत्र और अंजनी के लाला है,
श्री राम जी के भक्त यही बजरंग बाला है।
राम जी के नाम का बजाई देव डंका,
जलाई दियो री हनुमान जी ने लंका॥

अक्षय कुमार को मार गिराए,
रावण को जाकर धमकाए।
जय हो माता अंजनी के वीर बंका,
जलाई दियो री हनुमान जी ने लंका॥

पैठी पाताल अहिरावण को मारे है,
दुर्गम काज सियाराम को सवारे है।
‘किशोरी जी’ के अंजनी कुमार बलवंता,
जलाई दियो री हनुमान जी ने लंका॥

राम जी का कीर्तन जो इनको सुनाते है,
साँच कहूं भक्तों मुंह माँगा फल पाते है।
इसमें तनिक तुम करियो ना शंका,
जलाई दियो री हनुमान जी ने लंका॥

जलाई दियो रे हनुमान जी ने लंका,
जय हो माता अंजनी के वीर बंका।
जलाई दियो री हनुमान जी ने लंका॥

हनुमान जी का लंका दहन केवल एक ऐतिहासिक घटना नहीं, बल्कि उनके अद्भुत पराक्रम और अटूट भक्ति का प्रतीक है। यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि जब किसी के भीतर ईश्वर की कृपा और भक्ति का तेज होता है, तो वह असंभव को भी संभव बना सकता है। यदि इस भजन से आपको दिव्य ऊर्जा का अनुभव होता है, तो इसके साथ आप बता हनुमान पियारा रे भाई कुण से देश ते आया, संकट में तू बालाजी का नाम जपना, उठे तो बोले राम बैठे तो बोले राम जैसे अन्य भजनों को भी करें और प्रभु के असीम कृपा को प्राप्त करें। जय बजरंग बलि!

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