हे सिंदूर लगाने वाले प्रभु राम को रिझाने वाले लिरिक्स

हे सिंदूर लगाने वाले प्रभु राम को रिझाने वाले एक भव्य भजन है, जो श्री हनुमान जी की भक्ति और उनकी महिमा का गुणगान करता है। इस भजन में हनुमान जी को प्रभु श्रीराम के परम भक्त के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, जिन्होंने राम के लिए हर कठिनाई को सहन किया और उनकी सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया।

Hey Sindur Lagane Wale Prabhu Ram Ko Rijhane Wale Lyrics

हे सिंदूर लगाने वाले,
प्रभु राम को रिझाने वाले,
हे कपिराज तुम्हारी,
जय जयकार होवे जू,
हे सिंदूर लगाने वालें,
प्रभु राम को रिझाने वाले।1।

पम्पापुर में मिले राम और,
लक्ष्मन दोनों भ्राता,
हुए नैन शीतल हनुमत के,
हर्ष न हृदय समाता,
कपि से मेल कराने वाले,
प्रभु को हृदय बसाने वाले,
हे कपिराज तुम्हारी,
जय जयकार होवे जू,
हे सिंदूर लगाने वालें,
प्रभु राम को रिझाने वाले।2।

प्रभु की आज्ञा पाकर,
माँ सीता का पता लगाया,
अजर अमर होने का वर,
माँ सीता से था पाया,
प्रभु सन्देश सुनाने वाले,
सिया की खोज लगाने वाले,
हे कपिराज तुम्हारी,
जय जयकार होवे जू,
हे सिंदूर लगाने वालें,
प्रभु राम को रिझाने वाले।3।

लक्ष्मण शक्ति लगी राम जी,
विकल हुए जब भारी,
बूटी लाने हनुमान की,
फिर से आई बारी,
संजीवनी को लाने वाले,
लखन के प्राण बचाने वाले,
हे कपिराज तुम्हारी,
जय जयकार होवे जू,
हे सिंदूर लगाने वालें,
प्रभु राम को रिझाने वाले।4।

मिले प्रभु का प्रेम जो,
माता ने सिंदूर लगाया,
इतना सुन सिंदूर से हनुमत,
ने खुद को नहलाया,
प्रभु प्रेम को पाने वाले,
उनका मन हर्षाने वाले,
हे कपिराज तुम्हारी,
जय जयकार होवे जू,
हे सिंदूर लगाने वालें,
प्रभु राम को रिझाने वाले।5।

हे सिंदूर लगाने वाले,
प्रभु राम को रिझाने वाले,
हे कपिराज तुम्हारी,
जय जयकार होवे जू,
हे सिंदूर लगाने वालें,
प्रभु राम को रिझाने वाले।6।

यह भजन न केवल हनुमान जी की भक्ति में गहराई से समाहित है, बल्कि हमें यह भी सिखाता है कि जब हम प्रभु के प्रति सच्चे श्रद्धालु होते हैं, तो हमारे जीवन में कोई भी संकट स्थायी नहीं हो सकता। हनुमान जी के अन्य भजन से ही हर मुश्किल आसान हो जाती है, और हम अपनी राह पर चलते हुए प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद से हमेशा आगे बढ़ते रहते हैं। जय श्रीराम और जय हनुमान! 🚩

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