हनुमत राम के परम दासा

जब भी श्रीराम की भक्ति की बात होती है, तो सबसे पहले हनुमानजी का नाम लिया जाता है। “हनुमत राम के परम दासा” यह भजन हमें याद दिलाता है कि पवनपुत्र हनुमान न केवल भगवान राम के सेवक थे, बल्कि उनकी भक्ति और समर्पण की सर्वोच्च मिसाल भी थे। उनका हर कर्म, हर श्वास केवल श्रीराम के नाम में विलीन था।

Hanumat Ram Ke Param Dasa

( हनुमत चरनन की रज दे दो पवन कुमार,
जाहि बिधि चाहे कीजिए हम सब का उद्दार। )

हनुमत राम के परम दासा,
पूरी करे सारी अभिलाषा……

राम है जहां वहां हनुमाना,
पवनपुत्र हे कृपा निधाना,
राम हनुमान एक प्रेम भाषा,
हनुमत राम के परम दासा,
पूरी करे सारी अभिलाषा……

सिया का पता हनुमत ने किया,
राम की मुद्रिका सिया को दिया,
राम को बताई सिया की निराशा,
हनुमत राम के परम दासा,
पूरी करे सारी अभिलाषा……..

हनुमानजी की भक्ति में डूबकर ही श्रीराम की कृपा पाई जा सकती है। जो भी भक्त उनके चरणों में नतमस्तक होता है, उसे जीवन में कभी हार का सामना नहीं करना पड़ता। यदि यह भजन सुनकर आपके मन में भक्ति की भावना जागी है, तो [अगला भजन: “जय बोलो हनुमान राम की जय बोलो”] भी अवश्य सुनें और अपनी आत्मा को प्रभु की भक्ति से भर लें। 🚩 जय श्रीराम! जय हनुमान!

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