हनुमान के चेहरे से एक नूर टपकता है

हनुमान के चेहरे से एक नूर टपकता है भजन हनुमान जी के दिव्य स्वरूप और उनकी अलौकिक आभा का गुणगान करता है। हनुमान जी केवल शक्ति और पराक्रम के प्रतीक नहीं हैं, बल्कि उनकी भक्ति, करुणा और तेजस्विता भी अद्वितीय है। उनके मुखमंडल की आभा, उनकी कृपा और उनके तेज को दर्शाती है, जो हर भक्त के हृदय में भक्ति और श्रद्धा का संचार करती है। Hanuman Ji Ke Chehre Se Ek Noor Tapakta Hai भजन हमें हनुमान जी की दिव्यता का स्मरण कराता है और उनके प्रति प्रेम और समर्पण को और अधिक प्रबल करता है।

Hanuman Ji Ke Chehre Se Ek Noor Tapakta Hai

हनुमान के चेहरे से, एक नूर टपकता है,
मुखङे पे सदा इसके, एक तेज चमकता है॥

श्री राम की सेवा का, परिणाम है बजरंगी,
अनहोनी कर देता, वो नाम है बजरंगी॥


दुष्टों की खातिर ये, शोले सा दहकता है,
हनुमान के चेहरें से, एक नूर टपकता है॥

श्री राम से भक्ति मिली, सीता से शक्ति मिली,
भक्तों की श्रेणी में, इसे पहली पंक्ति मिली॥


भक्ति रस से इसका, हर रोम छलकता है,
हनुमान के चेहरें से, एक नूर टपकता है॥

जिसपे खुश हो जाता, श्री राम से मिलवाता,
उसकी रक्षा खातिर, ये काल से भीड़ जाता॥


हर पल का रखवाला, ये कभी ना थकता है,
हनुमान के चेहरें से, एक नूर टपकता है॥

इस भक्त शिरोमणि को, मैं शीश नवाता हूँ,
दिल की एक छोटी सी, फरियाद सुनाता हूँ॥


श्री राम के दरस करा, ‘बिन्नू’ ये तरसता है,
हनुमान के चेहरें से, एक नूर टपकता है॥

हनुमान के चेहरे से, एक नूर टपकता है,
मुखङे पे सदा इसके, एक तेज चमकता है॥

इस भजन के माध्यम से हमें यह सीख मिलती है कि जब मन में सच्ची भक्ति हो और ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण हो, तो जीवन स्वयं प्रकाशमय हो जाता है। हनुमान जी का तेजस्वी स्वरूप हमें न केवल आध्यात्मिक बल प्रदान करता है, बल्कि यह भी सिखाता है कि सच्ची आस्था और निस्वार्थ सेवा से व्यक्ति स्वयं भी दिव्यता को प्राप्त कर सकता है। उनका नाम जपने से मन शांत और आत्मा प्रसन्न होती है, इसके साथ ही सुनलो अरज मेरी सालासर वाले, सीता मैया ने मुझको बताया मैं नहाकर सिंदुर लगाया, हनुमत डटे रहो आसन पर जब तक कथा राम की होय भजनों को करने से जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है।

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