घर घर में गूंज रही हनुमान की लीलाएं भजन लिरिक्स

घर-घर में गूंज रही हनुमान की लीलाएं एक दिल को छूने वाला भजन है, जो हनुमान जी की अद्भुत लीलाओं और उनकी अपार शक्ति को प्रदर्शित करता है। इस भजन में यह संदेश दिया जाता है कि हनुमान जी की भक्ति और उनकी महिमा हर घर में गूंज रही है। यह भजन हम सभी को हनुमान जी की असीम शक्ति, भक्ति और उनके भक्तों के प्रति प्रेम को समझने का अवसर देता है।

Ghar Ghar Me Gunj Rahi Hanuman Ki Lilaye

घर घर में गूंज रही हनुमान की लीलाएं,
कर पार समुन्दर को सीता की सुध लाए।।

सुन जामवंत के बोल हनुमान ने ये ठानी,
श्री राम उच्चार चले चाहे निचे था पानी

प्रभु राम के काज करन हनुमान थे अकुलाये,
कर पार समुन्दर को सीता की सुध लाए।।

जब लंकिनी ने रोका लंका के द्वारे पर,
वध कीन्हा आगे बढे पनघट के किनारे पर।

कहाँ बंदी बनी माता उसे कौन ये बतलाये,
कर पार समुन्दर को सीता की सुध लाए।।

कुछ दानविया मिलकर करती थी ये चर्चा,
वाटिका अशोक में दे सीता सत का परचा
रावण का चंद्र खडग सती को ना छू पाए,
कर पार समुन्दर को सीता की सुध लाए।।

बंदी थी जहाँ माता भागे हनुमत उस और,
कुम्भ्लाई बिना रघुनाथ ज्यूँ चंद्र के बिना चकोर
उस विरह अवस्था में हनु दरश का सुख पाए,
कर पार समुन्दर को सीता की सुध लाए।।

सिया माँ के चरणों में प्रभु मुद्रिका जब फेंकी,
मुंदरी स्वामी की है ये सोच के फिर देखि।

मायावी दानव फिर कोई चाल नई लाये,
कर पार समुन्दर को सीता की सुध लाए।।

तुम्हे राम दुहाई माँ मुझ पर विश्वास करो,
श्री राम का सेवक हूँ मत मुझसे मात डरो
रघुवर के अंतर हर बात है बतलाई,
कर पार समुन्दर को सीता की सुध लाए।।

घर घर में गूंज रही हनुमान की लीलाएं,
कर पार समुन्दर को सीता की सुध लाए।।

घर-घर में गूंज रही हनुमान की लीलाएं भजन हमें यह याद दिलाता है कि हनुमान जी के भजनों और उनकी लीलाओं से हर दिल में प्रेम और विश्वास की भावना जागृत होती है। जैसे कि हनुमान जी ने अपनी निष्ठा और समर्पण से भगवान राम की सेवा की, वैसे ही उनके भजन भी हमें जीवन में अच्छे कार्य करने की प्रेरणा देते हैं। हनुमान जी की भक्ति में न केवल शक्ति है, बल्कि शांति और सुख का अहसास भी होता है। यह भजन हमें हनुमान जी की महिमा से जोड़ता है और हमें उनके साथ अपने जीवन के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है।

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