इक काँधे पे लखन विराजे दूजे पर रघुवीर एक सुंदर भजन है, जो भगवान राम और उनके भाई लक्ष्मण के अद्भुत रिश्ते को दर्शाता है। इस भजन में यह चित्रण किया गया है कि कैसे भगवान राम और उनके भाई लक्ष्मण एक साथ हमेशा रहते हैं, और उनका साथ न केवल शारीरिक बल्कि आत्मिक भी होता है। इस भजन में भगवान राम और लक्ष्मण के रिश्ते की गहरी भावना को महसूस किया जा सकता है, जो हर भक्त के दिल में एक विशेष स्थान बनाता है।
Ek Kandhe Pe Lakhan Viraje Duje Par Raghuveer
इक काँधे पे लखन विराजे दूजे पर रघुवीर,
वीर बलि महावीर हरी तुमने भक्तों की पीर।
सिया राम के भजन में मगन रहना,
हे हनुमान तेरा क्या कहना।
सिया राम सिया राम,
सिया राम सिया राम।
सिया राम सिया राम,
सिया राम सिया राम।।
दसो दिशा में मारुति सुत,
बजता तेरे नाम का डंका।
भय भागे दुख निकट ना आवे,
उलझन रहे ना शंका।
तेरी भक्ति का जिसने कवच पहना,
हे हनुमान तेरा क्या कहना।
सिया राम सिया राम,
सिया राम सिया राम।
सिया राम सिया राम,
सिया राम सिया राम।।
बगिया उजाडी लंक जलाई,
खबर सिया की लाए।
ले संजीवन लौटे झटपट,
प्राण लखन के बचाए।
श्री राम का नाम तेरा गहना,
हे हनुमान तेरा क्या कहना।
सिया राम सिया राम,
सिया राम सिया राम।
सिया राम सिया राम,
सिया राम सिया राम।।
संकट मोचन दुखहर्ता,
वर माँ सिया ने दीन्हा।
मंगल शनि जो करता पूजा,
मंगल उसका कीन्हा।
सदा सरल सुधा रस का बहना,
हे हनुमान तेरा क्या कहना।
सिया राम सिया राम,
सिया राम सिया राम।
सिया राम सिया राम,
सिया राम सिया राम।।
इक काँधे पे लखन विराजे दूजे पर रघुवीर,
वीर बलि महावीर हरी तुमने भक्तों की पीर।
सिया राम के भजन में मगन रहना,
हे हनुमान तेरा क्या कहना।
सिया राम सिया राम,
सिया राम सिया राम।
सिया राम सिया राम,
सिया राम सिया राम।।
इक काँधे पे लखन विराजे दूजे पर रघुवीर भजन की हर पंक्ति हमें भगवान राम और लक्ष्मण के अद्वितीय रिश्ते और उनके समर्पण की याद दिलाती है। यह भजन न केवल राम और लक्ष्मण के प्यार और भाईचारे को दर्शाता है, बल्कि हमें यह भी सिखाता है कि जीवन में सच्चे प्रेम, समर्पण और निष्ठा का क्या महत्व है। हनुमान जी के भजनों से यह भजन भी हमें राम के साथ अपने जीवन को जोड़ने और उनके मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। इस भजन के माध्यम से हम राम और लक्ष्मण के साहसिक कार्यों और भक्ति को मन में सहेज सकते हैं, जिससे हमें जीवन में शक्ति और साहस मिलता है।

I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle. View Profile