दिल में श्री राम बसे हैं संग माता जानकी भजन लिरिक्स

दिल में श्री राम बसे हैं संग माता जानकी भजन भक्तों के हृदय में प्रभु श्रीराम और माता जानकी के प्रति अपार श्रद्धा और प्रेम उत्पन्न करता है। यह भजन हमें यह एहसास कराता है कि जब हमारे मन, विचार और आत्मा में श्रीराम का वास होता है, तब हर कठिनाई अपने आप ही दूर हो जाती है। इस मधुर भजन के बोल भक्ति से ओतप्रोत हैं और इसमें भगवान के प्रति समर्पण की भावना झलकती है, जिससे भक्तगण भाव-विभोर होकर प्रभु के चरणों में लीन हो जाते हैं।

Dil Me Shri Ram base Hain Sang Mata Janki

दिल में श्री राम बसे हैं,
संग माता जानकी
बैठा खड़ताल बजाए,
रघुवर के नाम की।।

आठों पहर चौबीसों घंटे,
राम की महिमा गाए
राम की महिमा गाए,
राम भजन की मस्ती में ये
सुध सारी बिसराए,
सुध सारी बिसराए
मणकों में राम नहीं वो,
माला किस काम की
बैठा खड़ताल बजाए,
रघुवर के नाम की।।

राम दीवाना राम प्रभु के,
अटके काज सँवारे
अटके काज सँवारे,
संकट में ये दौड़ा आए
सारे कष्ट निवारे,
सारे कष्ट निवारे
सेवा में हाजिर रहता,
चौखट पे राम की
बैठा खड़ताल बजाए,
रघुवर के नाम की।।

राम लखन माँ सीता की जो,
जय जयकार लगाए
जय जयकार लगाए,
‘हर्ष’ कहे वो वीर बलि की
पल में किरपा पाए,
पल में किरपा पाए
मिलके जयकार लगाओ,
अंजनी के लाल की
बैठा खड़ताल बजाए,
रघुवर के नाम की।।

दिल में श्री राम बसे हैं,
संग माता जानकी
बैठा खड़ताल बजाए,
रघुवर के नाम की।।

जब हमारे हृदय में श्रीराम और माता जानकी का वास होता है, तब जीवन में किसी भी प्रकार का भय, दुख या संशय नहीं रहता। यह भजन हमें सिखाता है कि सच्ची भक्ति वही है, जिसमें मन, वचन और कर्म से भगवान की आराधना की जाए। इस भजन के मधुर शब्द हमारे अंतर्मन को पवित्र करते हैं और हमें यह प्रेरणा देते हैं कि सच्ची श्रद्धा और विश्वास के साथ ईश्वर का स्मरण करने से हर कठिनाई सहज ही पार हो सकती है। भजन की पंक्तियाँ हमें भक्ति के गहरे सागर में डुबो देती हैं और हमारे हृदय में प्रभु के प्रति अगाध प्रेम और समर्पण की भावना उत्पन्न करती हैं। जब भी यह भजन गाया जाता है, वातावरण भक्तिमय हो जाता है और मन शांत एवं प्रसन्नचित्त हो जाता है। इस भजन को गाकर भक्तजन प्रभु श्रीराम और माता जानकी के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं और उनके दिव्य आशीर्वाद की अनुभूति करते हैं।

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