छींद को दादा अलबेला लगे, मंगल को मेला भजन छींद धाम के दादा जी की महिमा और वहां लगने वाले मंगल मेले की भव्यता का वर्णन करता है। श्रद्धालुओं की मान्यता है कि छींद के दादा जी भक्तों की हर मनोकामना पूरी करने वाले और संकटों का नाश करने वाले हैं। इस भजन में उनकी अलौकिक शक्ति, भक्तों पर कृपा, और धाम की दिव्यता का गुणगान किया गया है।
Chind Ko Dada Albela Lage Mangal Ko Mela
छींद को दादा अलबेला,
लगे मंगल को मेला॥
कोई कहे बजरंगी आला,
कोई कहे अंजनी के लाला।
राम को भगत अकेला,
लगे मंगल को मेला॥
रावण पूंछ में आग लगाई,
तुमने उसकी लंका जलाई।
खेल अजब तुमने खेला,
लगे मंगल को मेला॥
सीता राम लखन मन लाई,
तुमने छाती फाड़ दिखाई।
कौन गुरु कौन चेला,
लगे मंगल को मेला॥
छींद गांव की महिमा न्यारी,
मेला भरत दशहरा पे भारी।
भक्तों की रेलम रेला,
लगे मंगल को मेला॥
बजरंग के गुण गाओ प्राणी,
‘पदम’ यूं कह गये ज्ञानी ध्यानी।
जग है झूठा झमेला,
लगे मंगल को मेला॥
छींद को दादा अलबेला,
लगे मंगल को मेला॥
Writer – Dalchand Kushwah ‘Padam’
Chind Ko Dada Albela Lage Mangal Ko Mela भजन यह संदेश देता है कि छींद धाम सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था, श्रद्धा और चमत्कारों का केंद्र है। यहाँ आने वाले हर भक्त को आध्यात्मिक शांति और दादा जी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। मंगल के दिन लगने वाला मेला केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि भक्तों की अटूट श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है। जो भी सच्चे मन से छींद के दादा जी की शरण में आता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है।
I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle. View Profile