छोटी सी कुटिया है मेरी बालाजी तुम आ जाना भजन लिरिक्स

छोटी सी कुटिया है मेरी, बालाजी तुम आ जाना भजन भक्त की सादगी भरी भक्ति और अपने आराध्य से निकटता की इच्छा को दर्शाता है। यह भजन हमें सिखाता है कि भगवान को भव्य महलों या बड़ी संपत्ति की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि वे अपने सच्चे भक्त के प्रेम और श्रद्धा से प्रसन्न होते हैं। बालाजी महाराज की कृपा प्राप्त करने के लिए हमें अपने हृदय को प्रेम और भक्ति से भरना होगा। जब भक्ति सच्ची होती है, तो भगवान स्वयं अपने भक्त के द्वार पर आ जाते हैं।

Chhoti Si kutiya hai meri Balaji tum aa Jana

छोटी सी कुटिया है मेरी,
बालाजी तुम आ जाना
रुखा सूखा दिया है मुझको,
उसका भोग लगा जाना,
उसका भोग लगा जाना।।

सौंप दिया है जीवन का अब,
भार तुम्हारे हाथों में
जीत तुम्हारे हाथों में,
हार तुम्हारे हाथों में
तुम हो स्वामी मैं हूँ सेवक,
सेवा मुझसे करवाना
रुखा सूखा दिया है मुझको,
उसका भोग लगा जाना,
उसका भोग लगा जाना।।

निर्धन हूँ मैं निर्बल हूँ मैं,
कैसे तुम्हे मनाऊं मैं
मन मंदिर में तुम्हे बिठाकर,
भाव के भोग लगाऊं मैं
मेरी श्रद्धा को स्वीकारो,
यही है मेरा नज़राना
रुखा सूखा दिया है मुझको,
उसका भोग लगा जाना,
उसका भोग लगा जाना।।

तुमको अर्पण सारा जीवन,
तुमको ही बलिहार है,
तेरे सहारे तेरे भरोसे
मेरा ये परिवार है,
हाथ जोड़कर कहता ‘बंसल
विनती को ना ठुकराना,
रुखा सूखा दिया है मुझको
उसका भोग लगा जाना,
उसका भोग लगा जाना।।

छोटी सी कुटिया है मेरी,
बालाजी तुम आ जाना,
रुखा सूखा दिया है मुझको
उसका भोग लगा जाना,
उसका भोग लगा जाना।।

बालाजी महाराज सच्चे भक्तों की पुकार को कभी अनसुना नहीं करते। छोटी सी कुटिया है मेरी, बालाजी तुम आ जाना भजन हमें यह प्रेरणा देता है कि भक्ति में बाहरी दिखावे की जरूरत नहीं होती, बल्कि केवल निर्मल हृदय और सच्चे समर्पण की आवश्यकता होती है। जब भक्त प्रेमपूर्वक बालाजी को आमंत्रित करता है, तो वे उसकी साधारण कुटिया में भी दिव्य आनंद भर देते हैं।

यह भजन हमें यह सिखाता है कि हमें अपने जीवन में सरलता, विनम्रता और भक्ति को अपनाना चाहिए। जब भी मन में अशांति हो, इस भजन को गाकर बालाजी महाराज का स्मरण करें। उनकी कृपा से हर दुख दूर हो जाएगा और जीवन में सुख-शांति का संचार होगा। जय बालाजी महाराज!

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