अंजनी के लाल हो तुम भक्त हो सियाराम के भजन लिरिक्स

अंजनी के लाल हो तुम, भक्त हो सियाराम के यह भजन भगवान हनुमान के असीम प्रेम और भक्ति को समर्पित है। इस भजन में हनुमान जी की अपार शक्ति, भक्ति और उनके राम के प्रति समर्पण को प्रस्तुत किया गया है। यह भजन हनुमान जी की विशेषताओं का वर्णन करता है, जो न केवल उनके शक्तिशाली रूप में बल्कि राम के प्रति उनके निःस्वार्थ प्रेम में भी निहित हैं। भक्त जब इस भजन को गाते हैं, तो वे अपने जीवन में हनुमान जी की कृपा और शक्ति को महसूस करते हैं, जो उन्हें संकटों से उबारने का सामर्थ्य रखती है।

Bandini Ke Lal ho to Bhakt Ho Ya Ho Siyaram ke

अंजनी के लाल हो तुम,
भक्त हो सियाराम के,
ऐसे हो तुम दाता दयालु,
जग के पालन हार हो,
अंजनी के लाल हों तुम,
भक्त हो सियाराम के।।

जागते सोते कभी भी,
मै तुम्हे भूलू नही
जागते सोते कभी भी,
मै तुम्हे भूलू नही,
निशदिन हम तुमको ही ध्याये
ऐ मेरे बजरंगबली,
अंजनी के लाल हो तुम,
भक्त हो सियाराम के।।

भर रहा धन धान से तू,
सबके ही परिवार को
भर रहा धन धान से तू,
सबके ही परिवार को
एक तुम थकते नहीं हो,
ऐसी तुम सरकार हो
अंजनी के लाल हो तूम,
भक्त हो सियाराम के।।

जप रहे तेरा नाम पंछी,
गीत गाती है पवन
जप रहे तेरा नाम पंछी,
गीत गाती है पवन
रंग रहे रंगो से जग को,
ऐसे रचना कार हो
अंजनी के लाल हो तूम,
भक्त हो सियाराम के।।

जिंदगी की नांव मैने,
सौंप दी तेरे हाथ में
जिंदगी की नांव मैने,
सौंप दी तेरे हाथ में
तुम डुबाओ या तिरावो,
तुम ही केवट हार हो
अंजनी के लाल हों तुम,
भक्त हो सियाराम के।।

अंजनी के लाल हो तुम, भक्त हो सियाराम के भजन भगवान हनुमान के अद्भुत रूप और उनके राम के प्रति समर्पण को उजागर करता है। हनुमान जी के ऐसे भव्य भजनों में संकट मोचन हनुमान और जय श्री राम हनुमान जैसे भजन भी शामिल हैं, जो उनकी शक्ति और भक्ति की महिमा का और अधिक विस्तार करते हैं। इन भजनों के माध्यम से भक्त हनुमान जी से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और जीवन की चुनौतियों का सामना निडरता से करते हैं। हनुमान जी के भजनों में हमें उनके साथ एक गहरी भावनात्मक जुड़ाव महसूस होता है, और यह विश्वास होता है कि उनकी कृपा से हर संकट का समाधान मिल सकता है।

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