बालाजी म्हारे आंगणिये पधारो भजन लिरिक्स

बालाजी म्हारे आंगणिये पधारो भजन भक्त की गहरी श्रद्धा और प्रेम को दर्शाता है। जब भक्त अपने आराध्य को अपने आंगन में आने का निमंत्रण देता है, तो यह भक्ति का सर्वोच्च रूप बन जाता है। यह भजन हमें यह सिखाता है कि भगवान को बुलाने के लिए किसी विशेष आयोजन या भव्य स्वागत की जरूरत नहीं होती, बल्कि सच्चे मन और निस्वार्थ प्रेम से उन्हें अपने हृदय में स्थान दिया जा सकता है। हनुमान जी की उपस्थिति से भक्त का घर, मन और जीवन सभी शुभता से भर जाते हैं।

Balaji Mhare Anganiyon Padharo

बालाजी म्हारे आंगणिये पधारो
थारे भक्ता ने दरश दिखाओ,
म्हारा सालासर धणी।।

बालाजी थारे लाल लंगोटा सोहे
थारे हाथ में घोटो सोहे,
म्हारा सालासर धणी।।

चैत्र सुदी पूनम को मेलो भारी
आवे है भगत अपार,
म्हारा सालासर धणी।।

बालाजी थारी घर घर जोत जगावा
थारी महिमा गाए सुनवा,
म्हारा सालासर धणी।।

बालाजी थने घृत सिंदूर चढ़ावा
कोई मंगल शनिवार,
म्हारा सालासर धणी।।

‘अलबेला’ थारी महिमा गा सुनावे
‘इलू’ चरणा में शीश झुकावे,
म्हारा सालासर धणी।।

बालाजी म्हारे आंगणिये पधारो
थारे भक्ता ने दरश दिखाओ,
म्हारा सालासर धणी।।

बालाजी महाराज अपने भक्तों की पुकार को कभी अनसुना नहीं करते। बालाजी म्हारे आंगणिये पधारो भजन हमें यह संदेश देता है कि जब भी हम प्रेम और समर्पण से प्रभु को बुलाते हैं, वे अवश्य हमारे पास आते हैं और अपने आशीर्वाद से हमें कृतार्थ करते हैं। यह भजन भक्ति, प्रेम और आत्मीयता की सुंदर अभिव्यक्ति है, जो भक्त और भगवान के बीच के रिश्ते को और गहरा करता है।

जब भी जीवन में कठिनाइयाँ आएं या मन अशांत हो, इस भजन को गाकर बालाजी महाराज को अपने आंगन और हृदय में आमंत्रित करें। उनकी कृपा से हर कष्ट दूर होगा, और जीवन सुख, शांति और समृद्धि से भर जाएगा। जय श्री बालाजी महाराज!

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