बजरंगी हमारी सुधि लेना भुलाय नहीं देना भजन लिरिक्स

बजरंगी हमारी सुधि लेना, भुलाय नहीं देना भजन हनुमान जी की करुणा, कृपा और भक्तों के प्रति उनकी अटूट निष्ठा का सुंदर वर्णन करता है। यह भजन हमें यह एहसास कराता है कि जब तक हम बजरंगबली की भक्ति में लीन रहते हैं, तब तक वे हमें कभी नहीं भूलते। उनकी कृपा से ही जीवन की सभी बाधाएँ समाप्त होती हैं, और भक्त हर संकट से मुक्त होकर आनंदित रहता है। यह भजन श्रद्धालुओं की उस पुकार को दर्शाता है, जिसमें वे अपने आराध्य हनुमान जी से सदैव अपने जीवन की सुधि लेने की प्रार्थना करते हैं।

Bajrangi Hamari Sudhi Lena bhulaye Nahi dena

बजरंगी हमारी सुधि लेना…
भुलाय नहीं देना,
विनय तुमसे बार बार है।।

जब राघव निकट आप जाना,
वहां मेरी भी चर्चा चलाना…
मेरी अर्जी प्रभु को सुनाना,
विनय तुमसे बार बार है।।

मेरी अर्जी है मर्जी तुम्हारी…
मै दुखिया शरण तुम्हारी,
भव बंधन से मुझको छुड़ाना…
भुलाय नहीं देना,
विनय तुमसे बार बार है।।

मैं तो तेरे चरणों में लुक जाऊंगा,
दुःख रो रो के अपना सुनाऊंगा…
जैसे मानोगे वैसे मनाऊंगा,
विनय तुमसे बार बार है।।

मुझ में अवगुण अनेकों हज़ार है,
पर तुम्हारी भी महिमा अपार है…
जरा ताको वो बेड़ा पार है
विनय तुमसे बार बार है।।

बजरंगी हमारी सुधि लेना,
भुलाय नहीं देना…
विनय तुमसे बार बार है।।

हनुमान जी अपने भक्तों का कभी त्याग नहीं करते, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों। वे सच्चे मन से याद करने वाले हर भक्त की सुधि लेते हैं और उनकी रक्षा करते हैं। इस भजन के माध्यम से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जब तक हमारी श्रद्धा और विश्वास अडिग रहेगा, तब तक बजरंगबली का आशीर्वाद हमारे जीवन में बना रहेगा। हमें केवल अपने मन, वचन और कर्म से उनकी भक्ति को मजबूत करना है और उनकी शरण में रहना है।

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