अगर हनुमान ना होते

अगर हनुमान ना होते भजन भगवान हनुमान जी के अद्वितीय पराक्रम और उनकी भक्तिमय सेवा का वर्णन करता है। यह भजन हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि यदि हनुमान जी ना होते, तो भक्तों का उद्धार कैसे होता? श्रीराम की सेवा करने वाले, सीता माता के संदेशवाहक और लंका को जलाने वाले हनुमान जी अखंड भक्ति, शक्ति और समर्पण के प्रतीक हैं। यह भजन हमें संकटमोचन की महिमा का बोध कराता है और बताता है कि हर भक्त के जीवन में हनुमान जी का आशीर्वाद कितना आवश्यक है।

Agar Hanuman Na Hote

लंकापति की इस दुनियाँ में,
होती ना कभी हार,
अगर हनुमान ना होते।

सात समंदर जल से भी वो,
होते ना कभी पार,
अगर हनुमान ना होतें।
अगर हनुमान ना होतें॥

बाण लगा लक्ष्मण के,
मूर्च्छा पल में आयी रे।
बैद नब्जिया हारे,
लागी ना कोई दवाई रे।

कौन उठाता द्रोणागिरी,
पर्वत का भारी भार।
अगर हनुमान ना होतें,
अगर हनुमान ना होतें॥

क्रोध से मेरे अब तक,
कोई भी बच नहीं पाया रे।
शीश गिरा धरणी पर,
सामने जो भी आया रे।

अकड़ के चलता मेरी इज्जत,
होती ना तारमतार।
अगर हनुमान ना होतें,
अगर हनुमान ना होतें॥

पलट के रख मैं देता,
आज विधि का हर विधान रे।
काल की मजाल क्या ‘योगी’,
हर लेता जो मेरे प्राण रे।

रावण अजर अमर ही रहता,
देखता ये संसार।
अगर हनुमान ना होतें,
अगर हनुमान ना होतें॥

लंकापति की इस दुनियाँ में,
होती ना कभी हार।
अगर हनुमान ना होते,
सात समंदर जल से भी वो,
होते ना कभी पार।

अगर हनुमान ना होतें,
अगर हनुमान ना होतें॥

Agar Hanuman Na Hote भजन हमें हनुमान जी की भक्ति की महिमा और उनकी कृपा का अनुभव कराता है। उनकी कृपा के बिना जीवन की कठिनाइयों से पार पाना असंभव होता। जब भी जीवन में कठिनाई आए, तो हनुमान जी का स्मरण करें, उनकी भक्ति में लीन हों और उनकी कृपा से अपने जीवन को मंगलमय बनाएं। इनके महिमा का गुणगान करने के लिए छाई है खुशियां जन्मदिन आया है हनुमान जी भजन, चलो चले हम मंदिर में किसका इंतज़ार है, म्हारा कामखेड़ा सरकार जी ने खम्मा रे खम्मा जैसे भजन भी हमें भक्ति के और निकट ले जाते हैं।

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