आया ना अभी तक बजरंगी अब रात गुजरने वाली है

आया ना अभी तक बजरंगी, अब रात गुजरने वाली है भजन भक्त की व्याकुलता और उसकी गहरी आस्था को प्रकट करता है। यह भजन दर्शाता है कि जब भक्त जीवन की कठिनाइयों से घिर जाता है और उसे कोई राह नहीं सूझती, तब वह बजरंगबली को पुकारता है। यह प्रार्थना की वह अवस्था होती है जब हनुमान जी की कृपा ही अंतिम आशा होती है। यह भजन भक्त के हृदय की पुकार है, जो अपने आराध्य से सहायता की कामना करता है, विश्वास रखता है कि संकटमोचन अवश्य उसकी सुध लेंगे।

Aaya Na abhi tak Bajrangi ab raat gujarne wali hai

आया ना अभी तक बजरंगी,
अब रात गुजरने वाली है।।

खाकर शक्ति क्यों लेट गए
क्यों मुझको अकेला छोड़ गए,
जागो मेरे लक्ष्मण संगी
अब रात गुजरने वाली है,
आया न अभी तक बजरंगी,
अब रात गुजरने वाली है।।

सीता जी पहले छिना गई,
अब तुम भी जाने वाले हो
अब किससे कहुं दिल की बातें,
अब रात गुजरने वाली है
आया न अभी तक बजरंगी,
अब रात गुजरने वाली है।।

लंका रावण को ही देकर,
कपियों से वापस कर देगें
अब भक्त विभीषण जाये कहाँ,
अब रात गुजरने वाली है
आया न अभी तक बजरंगी,
अब रात गुजरने वाली है।।

इतने में हनुमंत दीख पड़े,
जय जय कपिधर बोल उठे
सब मिलके कहो जय बजरंगी,
अब रात गुजरने वाली है
आया न अभी तक बजरंगी,
अब रात गुजरने वाली है।।

आया ना अभी तक बजरंगी,
अब रात गुजरने वाली है।।

हनुमान जी के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने वाले भक्त को कभी निराशा नहीं मिलती, क्योंकि वे अपने भक्तों को कभी अकेला नहीं छोड़ते। यह भजन हमें यह सिखाता है कि जीवन में कितनी भी अंधेरी रातें क्यों न आएं, अगर हमारी भक्ति और विश्वास अडिग हैं, तो हनुमान जी की कृपा अवश्य प्राप्त होगी। संकट की घड़ियों में जब हर दिशा बंद लगती है, तब केवल प्रभु का स्मरण ही सच्चा सहारा बनता है।

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