हनुमान गायत्री मंत्र हनुमान की उपासना का एक शक्तिशाली और सरल माध्यम है। यह मंत्र न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि आंतरिक शक्ति और साहस को जागृत करने का साधन भी है। Hanuman Gayatri Mantra in Hindi में होने से इसका जाप करना सभी के लिए बहुत ही आसान हो जाता है। इसके जाप से मानसिक और आत्मिक विकास होता हैं। इसका जाप करने से सभी भक्त भगवान हनुमान की कृपा और आशीर्वाद पाते हैं, और अपने जीवन को सुखमय और समृद्धिपूर्ण बनाते हैं।
यह हनुमान मंत्र हिंदी के सुंदर और प्रभावशाली शब्दों में गढ़ा गया है, जो साधक को उसकी आंतरिक शक्तियों का एहसास कराता है। इस मंत्र का नियमित जाप करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है, आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और कार्यक्षमता में सुधार होता है। यहां हमने आपके लिए हनुमान गायत्री मंत्र इन हिंदी में नीचे उपलब्ध कराया है।
हनुमान गायत्री मंत्र इन हिंदी
ॐ आंजनेयाय विद्मिहे वायुपुत्राय धीमहि ,
तन्नो: हनुमान: प्रचोदयात।
ॐ रामदूताय विद्मिहे कपिराजाय धीमहि,
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात।
ॐ अन्जनिसुताय विद्मिहे महाबलाय धीमहि,
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात।
ऐसे ही आप हनुमान गायत्री मंत्र के साथ हनुमान जी के अन्य पाठों जैसे- Hanuman Ji Ki Aarti, Hanuman Chalisa Paath, Bajarang Baan का पाठ भी कर सकते है। इनका पाठ आपके जीवन में शांति और सफलता का सृजन करेगा।
Hanuman Gayatri Mantra in Hindi जाप करने की विधि
- स्वछता: सबसे पहले स्नानं करके स्वच्छ और साफ कपड़ें पहन लें।
- स्थान: अब एक शांतिपूर्ण स्थान पर बैठें और फिर, मन से ध्यान करें और उनकी भक्ति में लीन हो जाये।
- मंत्र का उच्चारण: अब, मंत्र का उच्चारण करें।
- मंत्र का जाप: मंत्र का जाप करने के लिए 108 दाने वाले माला का प्रयोग कर सकते हैं क्युकि इस मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए तथा इस मंत्र का जाप ध्यान और भक्ति में लीन होकर करना चाहिए।
- आवाहन: मंत्र जाप के बाद, ध्यान करें और उन्हें मन से याद करें।
- आरती और प्रशंसा: मन से याद करने के लिए आप आरती और हनुमान चालीसा का पाठ करे ,इसके बाद पूरी भक्तिभाव से प्रसाद को ग्रहण करे।
- समापन: मंत्र जाप और पूजा के बाद, दिल से याद करे उन्हें धन्यवाद दें और सुखमय जीवन का आशीर्वाद मांगें।तथा पूजा समाप्त करें।
आप लोग ध्यान रखे कि जाप श्रद्धा और विश्वास के साथ करें, और ध्यान में पूरी तरह लीन हो जाये जिससे आप कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
मंत्र का जाप करने के लाभ
- आत्मिक विकास: मंत्र का नियमित जाप करने से आपका आत्मिक विकास होता है। यह आपको अध्यात्म की ओर बढ़ने में मदद करता है।
- भयमुक्ति: इनको डर को दूर करने वाला देवता माना जाता है, जाप करने से डर और भय खत्म होता है तथा बल, विद्या और साहस मिलता है और उनके मंत्र का जाप करने से भक्त सुरक्षित, भयमुक्त तथा खुद को साहस से परिपूर्ण पाते हैं।
- शारीरिक स्वास्थ्य: नियमित जाप करने से शारीरिक और मानसिक स्थिति में सुधार होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है।
- मानसिक शांति: जाप करने से भक्तों को मानसिक शांति मिलती है, और चिंता खत्म होता है। जिससे जीवन सुखमय बनता है।
- समाधान: हनुमान जी कष्ट और संकटों को दूर करने वाला देवता माने जाता है, और प्रतिदिन इस मंत्र का जाप करने से आपके जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान होता हैं।
- आध्यात्मिक समृद्धि: भक्तों में भगवान के साथ गहरी भक्ति और विश्वास बनाये रखता हैं और अध्यात्म की गहरायी से जोड़ता है।
- कर्म सफलता: नियमित जाप करने से कार्यों में सफलता मिलती है, ये बल बुद्धि देने वाले और भय को दूर करने वाले देवता के साथ-साथ कर्म और साधना के भी देवता माने जाते हैं, और उनके मंत्र का जाप करने से हमारे कार्यों में सुखमय परिणाम मिलता है।
मंत्र का नियमित जाप करने से आप अपने जीवन के ऊंचाइयों तक पहुँच सकते हैं और अपने जीवन को सुखमय और सफल बना सकते हैं।
FAQ
हनुमान गायत्री मंत्र क्या है ?
एक प्राचीन संस्कृत मंत्र है जिसका जाप भगवान की भक्ति के लिए किया जाता है। इस मंत्र का जाप करने से कृपा और आशीर्वाद मिलता है।
मंत्र का उद्देश्य क्या है ?
मंत्र का उद्देश्य पूजा, आराधना, और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करना है। इस मंत्र के जाप से भक्त अध्यात्म से जुड़ सकते हैं और अपने जीवन को सुखमय तथा भक्तिभाव से परिपूर्ण बना सकते हैं।
क्या मंत्र को रोज़ाना पढ़ना चाहिए ?
हां, यदि सम्भव हो तो मंत्र को रोज़ाना पढ़ना चाहिए। इसका नियमित जाप सुबह और शाम के समय में किया जाता है जो आप के जीवन में आध्यात्मिक और मानसिक स्थिति में सुधार करता है।
I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle.