वारि ओ गुरुदेव आपने बलिहारी राजस्थानी भजन लिरिक्स

गुरुदेव की महिमा का कोई अंत नहीं, उनकी कृपा के बिना जीवन अधूरा लगता है। जब भक्त अपने गुरु के प्रति पूर्ण समर्पण भाव से भर जाता है, तो उसका हृदय श्रद्धा और भक्ति से ओतप्रोत हो उठता है। “वारि ओ गुरुदेव आपने बलिहारी” भजन में वही अनमोल भाव व्यक्त होते हैं, जहाँ भक्त अपने गुरु पर न्योछावर होने की भावना रखता है। यह भजन गुरुदेव की असीम करुणा, उनकी अपार कृपा और अनंत आशीर्वाद की गवाही देता है, जो शिष्य को जीवन के हर कठिन मार्ग पर संबल प्रदान करते हैं।

Vari O Gurudev Aapne Balihari

वारि ओ गुरुदेव आपने बलिहारी,
भवजल डूबत तारियो रे,
म्हारा सतगुरु लियो रे उबारी,
आप नी वेता जगत में तो,
कुण करता म्हारी सहाई,
वारि ओ गुरुदेव आपने बलिहारी।।

असंग जुगा रो सुतो म्हारो हंसलो,
सतगुरु रे दियो रे जगाय,
शबद री सिसकारी,
हां रे शबद री सिसकारी,
वारि ओ गुरुदेव आपने बलिहारी।।

जम सु झगड़ा जितिया रे,
इण भव सागर या रे माए,
भयो आनंद भारी,
हां रे भयो आनंद भारी,
वारि ओ गुरुदेव आपने बलिहारी।।

गुरु बिन अँधा जाणिये रे,
नहीं है आतम ज्ञान,
जगत पच पच हारी,
हां रे जगत पच पच हारी,
वारि ओ गुरुदेव आपने बलिहारी।।

‘फूलगिरि’ जी री विनती रे,
एक दुर्बल करे है पुकार,
अरज अब सुण म्हारी,
हां रे अरज अब सुण म्हारी,
वारि ओ गुरुदेव आपने बलिहारी।।

वारि ओ गुरुदेव आपने बलिहारी,
भवजल डूबत तारियो रे,
म्हारा सतगुरु लियो रे उबारी,
आप नी वेता जगत में तो,
कुण करता म्हारी सहाई,
वारि ओ गुरुदेव आपने बलिहारी।।

गुरुदेव की महिमा अपरंपार है, और जो भी उनके चरणों में समर्पित हो जाता है, वह जीवन के हर संकट से पार पा जाता है। उनकी कृपा से ही जीवन में सच्ची शांति और आध्यात्मिक आनंद की प्राप्ति होती है। यदि यह भजन आपके मन में भक्ति की भावना जागृत कर रहा है, तो “गुरुदेव दया करके मुझको अपना लेना”, “गुरु रहमत से तर जाएगा”, “गुरुजी तेरे भरोसे मेरा परिवार है”, और “उद्धार करो गुरु मेरा गुरुदेव” जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और गुरुदेव की भक्ति में और गहराई से डूबें।









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