तुम बिन हमारी विपदा माँ कौन आके टारे

जब जीवन में दुःख और कठिनाइयाँ घेर लेती हैं, तब माँ ही एकमात्र सहारा बनती हैं। “तुम बिन हमारी विपदा माँ कौन आके टारे” भजन उसी भाव को दर्शाता है, जहाँ भक्त अपने कष्टों को माँ के चरणों में अर्पित कर, उनसे कृपा की याचना करता है। यह भजन माँ की असीम दयालुता और भक्तों के प्रति उनके प्रेम को व्यक्त करता है, जो सच्चे मन से पुकारने पर हर विपत्ति से रक्षा करती हैं।

Tum Bin Hamari Vipda Maa Kon Aake Tare

तुम बिन हमारी विपदा,
माँ कौन आके टारे,
नैया भंवर पड़ी है,
कर दो जरा किनारे।।

निर्धन को मिली माया,
गूँगे ने गीत गाये,
कोढ़ी की मिली काया,
अंधे ने नैन पाए,
मैं भी शरण मे तेरी,
हर कष्ट सब हमारे,
नैया भंवर पड़ी है,
कर दो जरा किनारे।।

तेरे द्वार से मां,
खाली न कोई जाए,
तू है बड़ी दयालु,
हर कोई गीत गाये,
मैं भी पड़ा माँ कब से,
मैया शरण तिहारे,
नैया भंवर पड़ी है,
कर दो जरा किनारे।।

ज्योति से तेरी जगमग,
ये चांद और तारे,
पल में मिटाये मां तू,
भक्तो के कष्ट सारे,
राजेन्द्र गीत गा गा,
तेरी आरती उतारे,
नैया भंवर पड़ी है,
कर दो जरा किनारे।।

तुम बिन हमारी विपदा,
माँ कौन आके टारे,
नैया भंवर पड़ी है,
कर दो जरा किनारे।।

गायक / प्रेषक – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।

माँ दुर्गा अपने भक्तों की पुकार सुनती हैं और उनकी विपदाओं का नाश कर सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं। यदि यह भजन आपकी आस्था को और गहरा कर दे, तो मैया री मैया शारदे तोहे लाल रंग की चुनरिया सोहे जैसे अन्य भक्तिगीत भी आपकी श्रद्धा को और प्रबल कर सकते हैं। जय माता दी! ????

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