इस जीवन में सच्चा सौदा वही है जो आत्मा को शांति और सत्य का मार्ग दिखाए। तू ले ले रे जो भी लेना है गुरुदेव भजन हमें यह सिखाता है कि हमें सांसारिक मोह-माया को छोड़कर गुरु की शरण में आना चाहिए और वही लेना चाहिए जो हमें आध्यात्मिक रूप से ऊँचा उठाए। जब हम अपने गुरु को अपना सर्वस्व अर्पित कर देते हैं, तब जीवन में असली आनंद और शांति का अनुभव होता है।
Tu Le Le Re Jo Bhi Lena Hai Gurudev Bhajan Lyrics
तू ले ले रे जो भी लेना है,
दुनिया का खुला बाजार है ये,
हर चीज मिलेगी तुझको यहाँ,
दो दिन को खुला बाजार है ये,
तू लेले रे जो भी लेना है।।
क्या लेना है क्या न लेना,
ये सोच समझ लेना प्यारे,
जो काम की हो वो ही लेना,
सिर पर न बढ़ाना भार रे,
तू लेले रे जो भी लेना है।।
चुन चुन कर ही लेना ऐ बन्दे,
सामान जगत से तू अपना,
अनमोल यहाँ की चीजे सभी,
न समझो कि सब बैकार है ये,
तू लेले रे जो भी लेना है।।
जीवन की सुहानी घड़ियो को,
जग मे तू कही न खो देना,
तू नाम गुरू का भजले अगर,
हो जाऐगा भव से पार रे,
तू लेले रे जो भी लेना है।।
तू ले ले रे जो भी लेना है,
दुनिया का खुला बाजार है ये,
हर चीज मिलेगी तुझको यहाँ,
दो दिन को खुला बाजार है ये,
तू लेले रे जो भी लेना है।।
गुरुदेव की कृपा से ही आत्मा का कल्याण होता है और हम अपने जीवन का सही उद्देश्य समझ पाते हैं। उनकी भक्ति में लीन रहना ही सच्चा सुख है। आगे “गुरूदेव चले आना एक बार चले आना”, “तेरी नौका में जो बैठा वो पार हो गया गुरुदेव”, “भजले नाम गुरू का रे मनवा बीत रही है स्वाँसा”, और “हरि नाम सुमरले बन्दे जीवन को सफल बना ले” भजन भी पढ़ें और गुरुदेव की भक्ति से अपने जीवन को धन्य करें।

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩