गुरु की महिमा अनंत है, लेकिन कई बार हमारा अज्ञान हमें इसे पहचानने नहीं देता। तेरी महिमा को न जानूँ मै गुरुदेव यह भजन हमारे मन की उसी असमंजस को प्रकट करता है, जहाँ हम गुरु के कृपा सागर को समझने में असमर्थ रहते हैं। जब तक हम समर्पण और श्रद्धा के साथ उनकी शरण नहीं लेते, तब तक हमें उनकी वास्तविक शक्ति का बोध नहीं हो सकता।
Teri Mahima Ko Na Janoon Main Gurudev Bhajan Lyrics
तेरी महिमा को न जानूँ मै,
बस यूँ ही चला आया हूँ,
न जानूँ मै ध्यान भजन,
तेरे द्वार चला आया हूँ।।
तेरे चरणो मे मुक्ति,
दे दे तू मुझको शक्ति,
निशदिन करलूँ मै भक्ति,
प्रभू मुझको नाम लखादो,
देदो भक्ती का दान प्रभू,
तेरे द्वार चला आया हूँ,
तेरी महिमा को न जानूँ मै।।
मै हूँ जन्मो का भोगी,
कैसे बनूँगा मै योगी,
तेरी कृपा कब होगी,
प्रभू ज्ञान की ज्योति जला दो,
करदो घट उजियार प्रभू,
तेरे द्वार चला आया हूँ,
तेरी महिमा को न जानूँ मै।।
जिससे है तेरा नाता,
वो ही दर तेरे आता,
कोई खाली न जाता,
प्रभू मुझको दास बनालो,
करदो ये उपकार प्रभू,
तेरे द्वार चला आया हूँ,
तेरी महिमा को न जानूँ मै।।
तेरी महिमा को न जानूँ मै,
बस यूँ ही चला आया हूँ,
न जानूँ मै ध्यान भजन,
तेरे द्वार चला आया हूँ।।
गुरुदेव की कृपा के बिना जीवन अधूरा है, और जो उनकी महिमा को पहचान लेता है, वह सच्ची शांति प्राप्त कर लेता है। इसलिए, हमें सच्चे मन से गुरुचरणों में समर्पित होकर साधना करनी चाहिए। आगे “जो गए गुरु द्वारे भव से पार हो गए”, “सोए को संत जगाए फिर नींद न उसको आए”, “हरि नाम सुमरले बंदे जीवन को सफल बना ले”, और “गुरुदेव चले आना एक बार चले आना” भजन भी पढ़ें और गुरुवाणी से अपना जीवन प्रकाशित करें।

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। जय सनातन धर्म