तेरी गाऊँ ऐ सतगुरू महिमा मै क्या भजन

सतगुरु की महिमा अनंत है, जिसे शब्दों में पिरो पाना संभव नहीं। तेरी गाऊँ ऐ सतगुरू महिमा मै क्या भजन हमें यही एहसास दिलाता है कि गुरु की कृपा और उनका आशीर्वाद हमारे जीवन को धन्य बना देता है। हम जितना भी उनका गुणगान करें, उतना कम है। आइए, इस भजन के माध्यम से गुरु के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण व्यक्त करें।

Teri Gaun Ye Satguru Mahima Main Kya Bhajan

तेरी गाऊँ ऐ सतगुरू,
महिमा मै क्या,
मै हूँ भटका हुआ,
एक दास तेरा,
कुछ कहूँ है कहाँ,
ये मजाल मेरी,
महिमा है सतगुरू,
बेमिशाल तेरी।।

हर तरफ हर जगह,
सतगुरू रुतबा तेरा,हो..
हर डगर हर नज़र,
मे है जलवा तेरा,
महिमा गाऊँ मै क्या,
दीन दयाल तेरी,
कुछ कहूँ है कहाँ,
ये मजाल मेरी,
महिमा है सतगुरू,
बेमिशाल तेरी।।

तुमने करके क़रम,
मुझको तन ये दिया,हो..
उसपे करके दया मुझको,
शरण ले लिया,
हो गई जिदँगी,
ये निहाल मेरी,
कुछ कहूँ है कहाँ,
ये मजाल मेरी,
महिमा है सतगुरू,
बेमिशाल तेरी।।

रँग दो मेरी चुनर,
अपने रँग मे प्रभू.हो..,
आ के बस जाओ मेरे,
मन मे प्रभू,
कर दो चूनर मेरी,
लालो लाल प्रभू,
कुछ कहूँ है कहाँ,
ये मजाल मेरी,
महिमा है सतगुरू,
बेमिशाल तेरी।।

तेरी गाऊँ ऐ सतगुरू,
महिमा मै क्या,
मै हूँ भटका हुआ,
एक दास तेरा,
कुछ कहूँ है कहाँ,
ये मजाल मेरी,
महिमा है सतगुरू,
बेमिशाल तेरी।।

गुरुदेव की महिमा अपरंपार है, और उनका सुमिरन करने से हमें आत्मिक शांति और सद्गति प्राप्त होती है। यदि आपको यह भजन प्रेरणादायक लगा, तो “गुरुदेव मेरे गुरुदेव मेरे”, “जो गए गुरु द्वारे भव से पार हो गए”, “स्वाँस बीती जाए उमर बीती जाए”, और “तेरी महिमा को न जानूँ मैं गुरुदेव” भजन भी पढ़ें और सतगुरु के चरणों में अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित करें।









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