तेरे सोहणे दर नु छड सतगुरु साडा होर ठिकाणा नई लिरिक्स

सच्चे गुरु के दर पर आ जाने के बाद भक्त को कहीं और जाने की आवश्यकता नहीं रहती। गुरु का दर ही वह परम ठिकाना है, जहाँ आत्मिक शांति और मोक्ष का मार्ग मिलता है। “तेरे सोहणे दर नु छड सतगुरु, साडा होर ठिकाणा नई” भजन इसी भावना को प्रकट करता है कि गुरुचरणों से बढ़कर कोई दूसरी शरण नहीं। जब भक्त को गुरु की कृपा प्राप्त हो जाती है, तब उसके लिए यही सबसे बड़ा धन होता है। आइए, इस भजन के माध्यम से अपनी श्रद्धा व्यक्त करें।

Tere Sohane Dar Nu Chhad Satguru Sada Hor Thikana Nayi

तेरे सोहणे दर नु छड सतगुरु,
साडा होर ठिकाणा नई।

सुण वे सज्जणा,
तेरे दर ते हूण मैं जीना मरना,
चरणां तों दूर ना जावां,
तै थों ए ही बस मैं मंगणा,
ना करीं चरणां तों मैनू दूर,
तेरा दर छडक़े जाणा नई।

तेरे सोहणे दर नु छड सतगुरु,
साडा होर ठिकाणा नई,
ना करीं चरणां तों मैनूं दूर,
तेरा दर छडक़े जाणा नई।।

झूठे जग ने बहोत सताया,
ताइंयो तेरे दर ते आया,
तेरे दर विच का दा घाटा,
हीरा ऐंवे जनम गवाया,
झूठे जग ने बहोत सताया,
ताइंयो तेरे दर ते आया,
तेरे दर विच का दा घाटा,
हीरा ऐंवे जनम गवाया,
हो तेरे वाजों मेरा पापी दा,
तेरे वाजों मेरा पापी दा,
कोई होर ठिकाना नई,
ना करीं चरणां तों मैनूं दूर,
तेरा दर छडक़े जाणा नई।।

नाम दा रंग चढा दे मैनूं,
डूबदा पार लगा लै मैनूं,
पांज्ज चोर जो मगर पये ने,
ओहनां कोलों बचा लै मैनूं,
नाम दा रंग चढा दे मैनूं,
डूबदा पार लगा लै मैनूं,
पांज्ज चोर जो मगर पये ने,
ओहनां कोलों बचा लै मैनूं,
हो तेरे दर दा मीठा अमृत छड्ड के,
दर दा मीठा अमृत छड्ड के,
ज़हर मै खाणा नई,
ना करीं चरणां तों मैनूं दूर,
तेरा दर छडक़े जाणा नई।।

सतगुरु तेरी बन्दगी करनी,
ताईयों तेरे टिक्केयां चरनी,
तेरे दर विच का दा घाटा,
तुइयों साडी रक्षा करनी,
सतगुरु तेरी बन्दगी करनी,
ताईयों तेरे टिक्केयां चरनी,
तेरे दर विच का दा घाटा,
तुइयों साडी रक्षा करनी,
कहे दास निमाणा दाता तैनूं,
दास निमाणा दाता तैनूं,
दिलों भुलाना नई,
ना करीं चरणां तों मैनूं दूर,
तेरा दर छडक़े जाणा नई।।

तेरे सोहणे दर नुं छड सतगुरु,
साडा होर ठिकाणा नई,
ना करीं चरणां तों मैनूं दूर,
तेरा दर छडक़े जाणा नई।।

गुरु का दर ही सच्चा ठिकाना है, जहाँ से भक्त को आध्यात्मिक शांति और सच्चा मार्गदर्शन मिलता है। “तेरे सोहणे दर नु छड सतगुरु, साडा होर ठिकाणा नई” भजन हमें सिखाता है कि जब हमें गुरु की शरण मिल जाती है, तब संसार के किसी अन्य सहारे की जरूरत नहीं रहती। ऐसे ही अन्य भक्तिपूर्ण भजनों जैसे “गुरु चरणों की महिमा अपार”, “गुरु बिना जीवन अधूरा”, “गुरु वाणी का प्रकाश”, और “गुरु कृपा से जीवन सफल” को पढ़ें और अपने हृदय को गुरु भक्ति में लीन करें। 🙏









Leave a comment