जब माँ का आशीर्वाद हमारे साथ होता है, तो कोई भी कठिनाई हमें हरा नहीं सकती। लेकिन कई बार, जीवन के संघर्षों में हम खुद को कमजोर महसूस करते हैं और माँ से पूछते हैं—”तेरे होते क्यों दादी मैं हार जाती हूँ?” यह भजन उसी भाव को व्यक्त करता है, जहाँ भक्त माँ के सामने अपने मन की बात रखता है, अपनी परेशानियों का हल माँ की कृपा में खोजता है, और उनसे संबल पाने की प्रार्थना करता है। माँ दादी अपने भक्तों को कभी अकेला नहीं छोड़तीं, वे सदा उनके साथ रहती हैं।
Tere Hote Kyo Dadi Many Har Jati Hu
हर बार मैं खुद को,
लाचार पाती हूँ,
तेरे होते क्यों दादी,
मैं हार जाती हूँ,
तेरे होते क्यो दादी,
मैं हार जाती हूँ।।
हर कदम पे क्या यूँ ही,
मैं ठोकर खाउंगी,
माँ इतना कह दे क्या,
मैं जीत ना पाऊँगी,
तेरी चौखट पे मैं क्या,
बेकार आती हूँ,
तेरे होते क्यो दादी,
मैं हार जाती हूँ।।
क्यों अपनी बेटी को,
तू भूली बिसरि है,
लाडो अरदास लिए,
चौखट पे पसरी है,
तेरी ममता याद दिलाने,
तेरे द्वार आती हूँ,
तेरे होते क्यो दादी,
मैं हार जाती हूँ।।
मेरा हाथ पकड़ ले माँ,
मैं इतना ही चाहूँ,
‘स्वाति’ जीवन में फिर,
मैं हार नहीं पाऊं,
अरमा ये ‘हर्ष’ लिए,
दरबार आती हूँ,
तेरे होते क्यो दादी,
मैं हार जाती हूँ।।
हर बार मैं खुद को,
लाचार पाती हूँ,
तेरे होते क्यों दादी,
मैं हार जाती हूँ,
तेरे होते क्यो दादी,
मैं हार जाती हूँ।।
Singer – Swati Agarwal
माँ के चरणों में समर्पण करने से हर हार जीत में बदल जाती है और जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है। माँ अपने भक्तों की पुकार सुनती हैं और उन्हें शक्ति प्रदान करती हैं। यदि यह भजन आपकी आस्था को और गहरा कर दे, तो आ जाओ माँ जगदम्बे, तेरे भगत खड़े तेरे द्वार जैसे अन्य भक्तिमय गीत भी आपकी भक्ति को और प्रगाढ़ कर सकते हैं। माँ दादी की कृपा हम सब पर बनी रहे! जय माता दी! 🙏

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩