सुचिता से भर दो हमें शुद्ध कर दो गुरु वंदना लिरिक्स

गुरु का आशीर्वाद जीवन को शुद्ध और पवित्र बना देता है। उनकी कृपा से मन की अशुद्धियाँ दूर होती हैं, और आत्मा निर्मल बनती है। “सुचिता से भर दो हमें, शुद्ध कर दो” भजन एक गहरी प्रार्थना है, जिसमें हम गुरुदेव से अपने जीवन को पावन करने की विनती करते हैं। जब हम सच्चे मन से गुरुचरणों में समर्पित होते हैं, तब हमारा हृदय भी उज्जवल हो जाता है। आइए, इस भजन के माध्यम से अपनी आत्मा को गुरुभक्ति में लीन करें।

Suchita Se Bhar Do Hame Suddh Kar Do

सुचिता से भर दो,
हमें शुद्ध कर दो,
नीत ज्ञान देकर हमें बुद्ध कर दो।।

आशीष से हम हुए प्राण पूरित,
सर्वस्व माता के चरणों में अर्पित,
गुरुवर हमारे हमें आज वर दो,
नीत ज्ञान देकर हमें बुद्ध कर दो।।

सविता की रश्मि से हम जाग जाएं,
श्रद्धा समर्पण के सुमन खिलाए,
ममता से अपनी हमें आज भर दो,
नीत ज्ञान देकर हमें बुद्ध कर दो।।

तुम्हें ही मैं गुरुवर सदा से निहारू,
पीपाशा तुम्हारी तुम्हीं को पुकारूँ,
किरणों से अपनी हमें शुद्ध कर दो,
नीत ज्ञान देकर हमें बुद्ध कर दो।।

हे देव हम हैं तुम्हारे दुलारे,
बंधु सखा तुम हो तुम ही सहारे,
हम पर जरा सी दया वृष्टि कर दो,
नीत ज्ञान देकर हमें बुद्ध कर दो।।

सुचिता से भर दो,
हमें शुद्ध कर दो,
नीत ज्ञान देकर हमें बुद्ध कर दो।।

गुरु की कृपा से ही मन, वचन और कर्म की पवित्रता प्राप्त होती है। “सुचिता से भर दो हमें, शुद्ध कर दो” भजन हमें यह सिखाता है कि जीवन में सच्ची स्वच्छता बाहरी नहीं, बल्कि आंतरिक होती है, जिसे केवल गुरु के चरणों में बैठकर ही प्राप्त किया जा सकता है। ऐसे ही अन्य भक्तिपूर्ण भजनों जैसे “गुरु चरणों की महिमा अपार”, “गुरु बिना जीवन अधूरा”, “गुरु वाणी का प्रकाश”, और “गुरु कृपा से जीवन सफल” को पढ़ें और अपनी आत्मा को शुद्धता और भक्ति से भरें। 🙏









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