शरद की पूनम पर जो भी कड़छा जाते हैं भजन लिरिक्स

शरद पूर्णिमा एक अत्यंत पावन रात्रि होती है, जब भक्ति और श्रद्धा की लहरें भक्तों के मन में उमड़ती हैं। इस रात में जो भी श्रद्धालु गुरुचरणों में समर्पित होकर “कड़छा” जाते हैं, उन्हें अनंत कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं। “शरद की पूनम पर जो भी कड़छा जाते हैं” भजन इसी भावना को प्रकट करता है कि सच्चे भक्तों के लिए यह अवसर आध्यात्मिक उन्नति और गुरु कृपा प्राप्ति का प्रतीक बन जाता है। आइए, इस भजन के माध्यम से इस पावन पर्व का महत्व समझें।

Sharad Ki Punam Par Jo Bhi Kadachha Jate Hai

शरद की पूनम पर,
जो भी कड़छा जाते हैं,
गुरूवर टेकचंद जी,
उनको गले से लगाते हैं।।

समाधी उत्सव होता है भारी,
जानती है जिसको दुनिया सारी,
गुरू यहाँ आशीष बरसाते हैं,
शरद की पुनम पर,
जो भी कड़छा जाते हैं,
गुरूवर टेकचंद जी,
उनको गले से लगाते हैं।।

फुलो से मंदिर सजता है न्यारा,
स्वर्ग से सुंदर लगता नजारा,
जब थोडा सा गुरूवर मुस्काते है,
शरद की पुनम पर,
जो भी कड़छा जाते हैं,
गुरूवर टेकचंद जी,
उनको गले से लगाते हैं।।

पूनम की आरती का नजारा,
देखने तरसता जिसे जग सारा,
गुरूवर जब अमृत बसराते है,
शरद की पुनम पर,
जो भी कड़छा जाते हैं,
गुरूवर टेकचंद जी,
उनको गले से लगाते हैं।।

भाव से कड़छा धाम जो आता,
पल भर में उसको सब मिल जाता,
नवयुवक गुरू मिल जाते हैं,
शरद की पुनम पर,
जो भी कड़छा जाते हैं,
गुरूवर टेकचंद जी,
उनको गले से लगाते हैं।।

शरद की पूनम पर,
जो भी कड़छा जाते हैं,
गुरूवर टेकचंद जी,
उनको गले से लगाते हैं।

शरद पूर्णिमा की रात गुरु कृपा से भरपूर होती है, और इस विशेष अवसर पर जो भी श्रद्धा से कड़छा जाते हैं, उन्हें आध्यात्मिक शांति और कल्याण प्राप्त होता है। “शरद की पूनम पर जो भी कड़छा जाते हैं” भजन हमें यह सिखाता है कि श्रद्धा और भक्ति से किया गया प्रत्येक कार्य हमें गुरु के और करीब ले जाता है। ऐसे ही अन्य भक्तिपूर्ण भजनों जैसे “गुरु चरणों की महिमा अपार”, “गुरु बिना जीवन अधूरा”, “गुरु वाणी का प्रकाश”, और “गुरु कृपा से जीवन सफल” को पढ़ें और अपनी आत्मा को भक्ति के प्रकाश से आलोकित करें। 🙏









Leave a comment