सतगुरू देव मनाया हमने

सतगुरु की भक्ति में एक अद्भुत शक्ति होती है, जो जीवन को सही दिशा में मोड़ने का सामर्थ्य रखती है। जब भक्त अपने हृदय से सतगुरु को मनाता है, तो उसे आध्यात्मिक सुख और आंतरिक शांति की अनुभूति होती है। “सतगुरु देव मनाया हमने” भजन इसी दिव्य भाव को प्रकट करता है, जिसमें गुरुदेव के प्रति प्रेम, श्रद्धा और समर्पण की झलक मिलती है। जब हम इस भजन को पढ़ते या करते हैं, तो हमारी आत्मा भी सतगुरु की कृपा में डूब जाती है।

Satguru Dev Manaya Hamane

दोहा
कबीर सबघट आत्मा,
और सिरजी सिरजनहार,
अरे राम कहे सो राम संग,
और रहता भ्रम विचार।
एजी सतगुरु आतम दृष्टि है,
और इन्द्रिय टिके न कोइ,
अरे सतगुरु बिन सूजे नही,
और खरा दुहैला होई।
तो पूरा सतगुरु सेवता,
और प्रगटे आय,
अरे मन सा वांचा कर्मञा,
और मोटे जन्म के पाप।

सतगुरू देव मनाया हमने,
सत गुरू देव मनाया हैं,
सत गुरु देव मनाया हो सैया,
सत गुरू देव मनाया हैं,
अरे उगा भाण भला पीब आया,
आनंद उर में छाया है,
सत गुरू देव मनाया हैं।।

चित का चोक पुराया है गुरु का,
माण्डन माण्ड मण्डाया है,
अरे प्रेम मगन हाई अनुभव जाग्या,
सत का पाट बिछाया है,
सत गुरु देव मनाया हो सैया,
सत गुरू देव मनाया हैं।।

अरे सूरत सुहागन करे आरती,
गुरु गम ढोल बजाया है,
ए गगन मंडल पर सेज पिया की,
सुरता पवन हिलाया है,
सत गुरु देव मनाया हो सैया,
सत गुरू देव मनाया हैं।।

सूरत नूरत मिलत पीव दरसे,
शिव में जीव समाया है,
है त्रिकुटी का रंगमहल में,
सत गुरु फाग समाया है,
सत गुरु देव मनाया हो सैया,
सत गुरू देव मनाया हैं।।

ज्वाला पूरी गुरु समरथ दाता,
केवल पद दर्शाया है,
अरे मोहन पूरी स्वरूप समाधि,
आप में आप लजाया है,
सत गुरु देव मनाया हो सैया,
सत गुरू देव मनाया हैं।।

सतगुरू देव मनाया हमने,
सत गुरू देव मनाया हैं,
सत गुरु देव मनाया हो सैया,
सत गुरू देव मनाया हैं,
अरे उगा भाण भला पीब आया,
आनंद उर में छाया है,
सत गुरू देव मनाया हैं

सतगुरु की भक्ति से जीवन में नई रोशनी और सकारात्मकता का संचार होता है। उनकी कृपा से भक्त के सभी दुख और भ्रम दूर हो जाते हैं। अगर यह भजन आपके मन को शांति और आनंद प्रदान करता है, तो “गुरुदेव की महिमा अपरंपार”, “तेरे बिना कौन सहारा”, “गुरु की महिमा गाते जाओ” और “तेरी रहमतों का दरिया” जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और गुरुदेव की भक्ति में मग्न हों।










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