जब इंसान दुनिया की दौड़ में थक जाता है, जब उसे हर ओर से निराशा मिलती है, तब वह एकमात्र गुरुचरणों में ही सच्ची शांति और सहारा पाता है। “सारी दुनिया से हार के मैं आया, गुरु जी तेरी चौखट पे” भजन इसी गहरे भाव को प्रकट करता है कि संसार में भटकने के बाद भी, गुरु हमें प्रेम और कृपा से अपनाते हैं और सही राह दिखाते हैं। आइए, इस भजन के माध्यम से अपने भावों को गुरुचरणों में समर्पित करें।
Sari Duniya Se Har Ke Mai Aaya Guru Ji Chaukhat Pe
सारी दुनिया से हार के मैं आया,
गुरु जी तेरी चौखट पे,
आके द्वार पे बड़ा सुख पाया,
आके द्वार पे बड़ा सुख पाया,
गुरु जी तेरी चौखट पे।।
जबसे मिला है मुझको तेरा सहारा,
कश्ती को मेरी गुरुवर मिला है किनारा,
भवसागर को पार कर मैं आया,
गुरु जी तेरी चौखट पे।।
तेरी दया से सतगुरु चलता गुजारा,
मेरी इस जिंदगी को तूने संवारा,
दुःख भूल सारे मैं भी मुस्कुराया,
गुरु जी तेरी चौखट पे।।
अर्ज लगाता हूँ मैं दिल से गुरूजी,
जब भी पुकारूँ तुम्हे राह दिखाना जी,
सारे जग को मैं करके पराया,
आया हूँ तेरी चौखट पे।।
सारी दुनिया से हार के मैं आया,
गुरु जी तेरी चौखट पे,
आके द्वार पे बड़ा सुख पाया,
आके द्वार पे बड़ा सुख पाया,
गुरु जी तेरी चौखट पे।।
गुरुचरणों में शरण लेना ही सच्ची विजय है, क्योंकि वहाँ से ही हमें आत्मिक शांति और सच्चा मार्गदर्शन प्राप्त होता है। “सारी दुनिया से हार के मैं आया, गुरु जी तेरी चौखट पे” भजन हमें यह सिखाता है कि जब संसार में कोई सहारा न मिले, तब गुरुचरणों की शरण में ही सच्ची शांति मिलती है। ऐसे ही अन्य भक्तिपूर्ण भजनों जैसे “गुरु चरणों की महिमा अपार”, “गुरु बिना जीवन अधूरा”, “गुरु वाणी का प्रकाश”, और “गुरु कृपा से जीवन सफल” को पढ़ें और अपनी आत्मा को भक्ति के प्रकाश से आलोकित करें। 🙏
मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩