ऐ पंडा बाबा झूला डार दे चम्पा चमेली की बगिया में

माँ दुर्गा के स्वागत में भक्त पूरे श्रद्धा भाव से झूले सजाते हैं, ताकि माँ आनंदपूर्वक विराजमान होकर भक्तों को आशीर्वाद दें। “ऐ पंडा बाबा झूला डार दे, चम्पा चमेली की बगिया में” भजन माँ के इसी मधुर और भक्तिमय स्वरूप का वर्णन करता है। यह गीत भक्तों की उस उत्सुकता और प्रेम को दर्शाता है, जिसमें वे माँ के आगमन की तैयारियाँ करते हैं और भक्ति में लीन होकर उन्हें झूला झुलाने की विनती करते हैं। माँ की भक्ति में ऐसा आनंद है, जो जीवन के हर दुःख को हर लेता है।

Ye Panda Baba Jhula Dar De Champa Chameli Ki Bagiya Me

ऐ पंडा बाबा झूला डार दे,
चम्पा चमेली की बगिया में,
झूलेगी मैया दुपरिया में।।

रेशम की डोरी ले अइयो,
चन्दन को पलना बनबइयो,
पंडा जाए बढई से कहियो,
जइयो जइयो नगरिया में,
झुलेगी मैया दुपरिया में।।

गोटेदार चुनरिया लइयो,
मेरी मैया जी को उड़इयो,
पंडा जी बनिया से कहियो,
जइयो जइयो बजरिया में,
झुलेगी मैया दुपरिया में।।

चुन चुन कलियां हार बनइयो,
मेरी मैया जी को पहनईयो,
पंडा जी मालिन से कहियो,
जइयो जइयो बजरिया में,
झुलेगी मैया दुपरिया में।।

ढोलक झांझ मंजीरा बजइयो,
मैया जी की भेंटे गइयो,
पंडा जाए ‘पदम्से’ कहियो,
जइयो माँ की दुअरिया में,
झुलेगी मैया दुपरिया में।।

ऐ पंडा बाबा झूला डार दे,
चम्पा चमेली की बगिया में,
झूलेगी मैया दुपरिया में।।

लेखक / प्रेषक – डालचन्द कुशवाह”पदम्”

माँ दुर्गा के झूले झूलने से समस्त संसार पावन हो जाता है और भक्तों के मन में असीम आनंद का संचार होता है। जब भक्त सच्चे मन से माँ का आह्वान करते हैं, तो वे अवश्य उनकी मनोकामनाएँ पूर्ण करती हैं। यदि यह भजन आपके हृदय को भक्ति से भर दे, तो सलकनपुर की मैया तुम सो कोई नईया जैसे अन्य माँ के भक्तिमय गीत भी आपकी श्रद्धा को और प्रगाढ़ कर सकते हैं। माँ दुर्गा की कृपा सभी पर बनी रहे! जय माता दी! 🙏

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