पल पल में यह जीवन जाए हाय बृथा की बातो में

पल पल में यह जीवन जाए हाय बृथा की बातो में भजन हमें जीवन के क्षणभंगुर स्वभाव की याद दिलाता है। हम अक्सर तुच्छ बातों में अपना समय व्यर्थ कर देते हैं, लेकिन यह भजन हमें चेताता है कि सच्ची साधना और गुरुदेव के चरणों में ही जीवन का सार है। यह हमें अपने समय का सही उपयोग करने और आध्यात्मिक उत्थान की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है।

Pal Pal Me Yah Jeevan Jaye Haye Britha Ki Bato Me

पल पल में यह जीवन जाए हाय,
बृथा की बातो में,
इस पल को काहे तू खोए,
बृथा की बातो में।।

बड़ी सुन्दर, है ये काया,
बड़ भागी है जो तू ये पाया,
पर तू ने कीमत न जानी,
न जानी, बृथा की बातो में,
पल पल मे यह जीवन जाए हाय,
बृथा की बातो में।।

आजा प्यारे, गुरू द्वारे,
नही लागे तेरा कुछ दाम रे,
भजले नाम तू सतगुरू का,
प्रभू का, स्वाँसो ही स्वाँसो मे,
पल पल मे यह जीवन जाए हाय,
बृथा की बातो में।।

तजदे मान रे,ओ नादान रे,
किस पर तु करे अभिमान रे,
सोँपदे तू अपना जीवन,
जीवन,सतगुरू जी के हाथो में,
पल पल मे यह जीवन जाए हाय,
बृथा की बातो में।।

पल पल में यह जीवन जाए हाय,
बृथा की बातो में,
इस पल को काहे तू खोए,
बृथा की बातो में।।

गुरुदेव की कृपा से ही यह जीवन सार्थक बन सकता है। “पल पल में यह जीवन जाए, हाय वृथा की बातों में” भजन हमें आत्मचिंतन की ओर ले जाता है। अन्य भजनों को भी पढ़ें, जैसे “धीरे-धीरे बीती जाए उमर भव तरने का जतन तू कर”, “तेरी नौका में जो बैठा वो पार हो गया गुरुदेव”, “अगर तू चाहे जो भव तरना आ गुरु दर पे” और “गुरुदेव तुम्हारे चरणों में बैकुंठ का वास लगे मुझको”।









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