“ओढ़ो जी ओढ़ो दादी म्हारी भी चुनरिया” भजन माँ की महिमा और उनकी कृपा का प्रतीक है। यह भजन भक्तों की उस भावना को दर्शाता है, जिसमें वे अपनी आराध्या देवी को चुनरी अर्पित कर, उनका आशीर्वाद प्राप्त करने की अभिलाषा रखते हैं। दादी की चुनरिया सिर्फ एक वस्त्र नहीं, बल्कि श्रद्धा, समर्पण और विश्वास का प्रतीक होती है, जिसे भक्त प्रेमपूर्वक माँ को अर्पित करते हैं।
Odho Ji Odho Dadi Mhari Bhi Chunriya
ओढ़ो जी ओढ़ो दादी,
म्हारी भी चुनरिया,
शान से ल्याया थारा,
टाबरिया थारा बालकिया,
ओढो म्हारी भी चुनरिया,
ओढो जी ओढो दादी,
म्हारी भी चुनरिया।।
राचणी मेहंदी थारे,
हाथां में लगावा,
गजरो बनावा थारे,
जुड़े में सजावा,
फूल मंगाया बढ़िया बढ़िया,
ओढो म्हारी भी चुनरिया,
ओढो जी ओढो दादी,
म्हारी भी चुनरिया।।
दादी जी आओ थारे,
भोग लगावा,
हलवा पूड़ी मेवा का,
थाल सजावा,
खीर बनवाई दादी केसरिया,
ओढो म्हारी भी चुनरिया,
ओढो जी ओढो दादी,
म्हारी भी चुनरिया।।
चुनड़ी ओढ़ाया म्हारो,
मान बढ़ेगो,
और भी थारो,
सिणगार खिलेगो,
‘सोनू’ सरावेगी या सारी दुनिया,
ओढो म्हारी भी चुनरिया,
Bhajan Diary Lyrics,
ओढो जी ओढो दादी,
म्हारी भी चुनरिया।।
ओढ़ो जी ओढ़ो दादी,
म्हारी भी चुनरिया,
शान से ल्याया थारा,
टाबरिया थारा बालकिया,
ओढो म्हारी भी चुनरिया,
ओढो जी ओढो दादी,
म्हारी भी चुनरिया।।
Singer – Keshav Saurabh Madhukar
माँ की भक्ति में डूबी हुई ये भावना हर भक्त के दिल को सुकून देती है। माँ की कृपा से हर मनोकामना पूर्ण होती है, और उनका आशीर्वाद जीवन को नई ऊर्जा से भर देता है। यदि यह भजन आपको भक्तिमय भाव से भर रहा है, तो “माँ के दर्शन से होता बेड़ा पार” और “भवानी माँ दया कर दो तुम्हारे द्वार आए हैं” जैसे भजनों को भी जरूर सुनें और माँ के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित करें। जय माता दी! 🙏✨
मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩