जीवन के संघर्षों में जब मन व्याकुल हो जाता है, तब गुरु ही वह दिव्य सहारा हैं जो हमें स्नेहपूर्वक थाम लेते हैं और सही मार्ग दिखाते हैं। “मोहे थाम ले गुरुवर आजा” भजन इसी गहरे भाव को प्रकट करता है कि जब हम गुरु को पुकारते हैं, तो वे हमें कभी निराश नहीं करते। उनकी कृपा से हमें संबल और शांति प्राप्त होती है। आइए, इस भजन के माध्यम से अपने हृदय की पुकार गुरुचरणों में अर्पित करें।
Mohe Tham Le Guruvar Aaja Bhajan lyrics
मोहे थाम ले गुरुवर आजा,
मेरा बनके खिवैया आजा,
बड़ा गहरा है भवर,
कुछ आये ना नज़र,
मोहे थाम लें गुरुवर आजा।।
बेसहारा समझ,
ये जहाँ छल गया,
छोड़ मुझको बता,
तू कहाँ चल दिया,
मोहे लगता है डर,
थोड़ी कृपा तू कर,
जरा गिरते हुए को उठा जा,
बड़ा गहरा है भवर,
कुछ आये ना नज़र,
मोहे थाम लें गुरुवर आजा।।
आंसुओ पे मेरे,
ये जहाँ हँस रहा,
ये जमी हँस रही,
आसमा हँस रहा,
बैरी हुआ है जहा,
अब जाऊ मैं कहाँ,
इस मन को ये बतला जा,
बड़ा गहरा है भवर,
कुछ आये ना नज़र,
मोहे थाम लें गुरुवर आजा।।
मोहे थाम ले गुरुवर आजा,
मेरा बनके खिवैया आजा,
बड़ा गहरा है भवर,
कुछ आये ना नज़र,
मोहे थाम लें गुरुवर आजा।।
गुरु का स्पर्श और उनकी कृपा हमें हर कठिनाई से उबार सकती है। “मोहे थाम ले गुरुवर आजा” भजन हमें यह सिखाता है कि सच्चे श्रद्धा भाव से की गई प्रार्थना कभी व्यर्थ नहीं जाती। ऐसे ही अन्य भक्तिपूर्ण भजनों जैसे “गुरु चरणों की महिमा अपार”, “गुरु बिना जीवन अधूरा”, “गुरु वाणी का प्रकाश”, और “गुरु कृपा से जीवन सफल” को पढ़ें और अपने जीवन को गुरु भक्ति से आलोकित करें।
मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩