सतगुरु की कृपा से साधारण जीव भी आध्यात्मिक उत्थान की ऊँचाइयों को छू सकता है। जब गुरु देव अपने शिष्य पर अनुग्रह करते हैं, तो वे उसे अज्ञान के अंधकार से निकालकर दिव्यता के प्रकाश में स्थापित कर देते हैं। “मेरे सतगुरु दीनदयाल, काग से हंस बनाते” भजन इसी पावन सत्य को प्रकट करता है कि गुरु की कृपा से हर साधक अपने वास्तविक स्वरूप को पहचान सकता है। आइए, इस भजन के माध्यम से गुरु महिमा का आनंद लें और उनकी शरण में अपने जीवन को धन्य करें।
Mere Satguru Dindyal Kaag Se Hans Banate Bhajan Lyrics
भरा जहां भक्ति का भंडार,
लग्या जहाँ सतगुरु का दरबार,
शब्द अनमोल सुनाते है,
मन का भरम मिटाते है,
मेरे सतगुरु दिनदयाल,
काग से हंस बनाते।।
गुरु जी सत का देते ज्ञान,
जीव का हो ईश्वर में ध्यान,
वो अमृत खूब पिलाते है,
मन प्यास बुझाते है,
मेरे सतगुरु दिनदयाल,
काग से हंस बनाते।।
गुरुजी लेते नहीं कुछ दान,
खुद ही रखते भक्तो का ध्यान,
वो अपना माल लुटाते है,
सभी का कष्ट मिटाते है,
मेरे सतगुरु दिनदयाल,
काग से हंस बनाते।।
करो सब गुरु चरणों में ध्यान,
ये तुमसे करते भक्त बयान,
सारा दुख गुरुजी मिटाते है,
की भव से पार लगाते है,
मेरे सतगुरु दिनदयाल,
काग से हंस बनाते।।
मेरे सतगुरु दीनदयाल,
काग से हंस बनाते।।
गुरु देव जी की कृपा से साधारण जीव भी आध्यात्मिक ऊँचाइयों को प्राप्त कर सकता है। “मेरे सतगुरु दीनदयाल, काग से हंस बनाते” भजन हमें यह प्रेरणा देता है कि गुरु की शरण में रहकर हम भी अज्ञान से ज्ञान, मोह से मोक्ष और सांसारिकता से आध्यात्मिकता की ओर बढ़ सकते हैं। ऐसे ही अन्य प्रेरणादायक भजनों जैसे “गुरु चरणों की महिमा”, “गुरु बिना जीवन अधूरा”, “गुरु वाणी का प्रकाश”, और “गुरु कृपा से जीवन सफल” को पढ़ें और अपनी भक्ति को और दृढ़ करें। 🙏

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। 🚩 जय सनातन धर्म 🚩